पेरिस। Sumit Antil: भारत के पैरालिंपिक जैवेलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने पेरिस में खेली जा रही वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार खेल दिखाया है। उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। सुमित ने एफ64 कैटेगरी में ये मेडल जीता। उन्होंने 70.83 का थ्रो फेंक गोल्ड मेडल अपने नाम करते अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। सुमित ने पिछले साल मई में इंडियन ओपन नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 70.17 का थ्रो फेंका था।
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अपने ही रिकॉर्ड को किया बेहतर
पेरिस में सुमित ने अपना ही रिकॉर्ड को बेहतर किया है। उन्होंने इस खेल से न सिर्फ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है बल्कि अगले साल पेरिस में ही खेले जाने वाले पैरालिंपिक खेलों के लिए कोटा भी हासिल कर लिया है। वह पेरिस खेलों के लिए कोटा हासिल करने वाले चौथे खिलाड़ी बन गए हैं। Sumit Antil ने टोक्यो पैरालिंपिक में भी शानदार खेल दिखाया था और गोल्ड मेडल जीता था। वहीं भारत के एक और जैवलिन थ्रोअर पुष्पेंद्र सिंह ने एफ43 कैटेगरी में 62.09 मीटक का थ्रो फेंक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।
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बनना चाहते थे पहलवान
सुमित ने जैवलिन थ्रो में भारत को कई सफलताएं दिलाई हैं, लेकिन ये खेल उनका पहला प्यार नहीं था। दरअसल, Sumit Antil रेसलिंग करना चाहते थे और ओलिंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त उनका आदर्श थे, लेकिन एक हादसे से उनका करियर बदल गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पांच जनवरी 2015 को जब वह ट्यूशन से बाइक पर अपने घर लौट रहे थे तब उनका एक्सीडेंट हो गया था। एक ट्रैक्टर ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी और फिर उनके बाएं पैर के ऊपर से निकल गया था। इसके बाद उन्हें एयरफोर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। 53 दिन बाद वह पुणे शिफ्ट कर दिए गए जहां उनको नकली पैर लगाया गया। यहां से उनका पहलवान बनने का सपना टूट गया।
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दोस्त ने दी पैरा खेलों की जानकारी
उन्होंने हालांकि खिलाड़ी बनने की जिद छोड़ी नहीं। जुलाई 2017 में पैरा-एथलीट राजकुमार ने उन्हें पैरा खेलों की जानकारी दी। यहां से वह पैरा खेलों की तरफ बढ़े। उनकी मुलाकात वीरेंद्र धनकड़ से हुई जिन्होंने 2018 में एशियाई खेलों में पदक जीता है। वीरेंद्र ने उन्हें जैवलिन थ्रो के कोच नवल सिंह सें मिलाया जिन्होंने Sumit Antil को इस खेल की बारीकियां सिखाईं और आज सुमित भारत का नाम ऊंचा कर रहे हैं।