CWG 2022: पैरा-पावरलिफ्टिंग में सुधीर ने जीता गोल्ड, भारत का छठा स्वर्ण पदक

0
360
CWG 2022 Live Updates Sudhir wins gold in para-powerlifting, India's sixth gold medal Sports Breaking news today
Advertisement

बर्मिंघम। CWG 2022: राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारत के पैरा-पावरलिफ्टर सुधीर ने गोल्ड मैडल जीतकर धमाका कर दिया। सुधीर राष्ट्रमंडल खेलों में पैरा-पावरलिफ्टिंग (दिव्यांग एथलीट्स की वेटलिफ्टिंग) में भारत के लिए गोल्ड मैडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए हैं। इससे पहले 2014 में पावरलिफ्टर सकिना खातून ने ब्रॉन्ज मैडल जीता था। सुधीर ने पुरुषों के हेवीवेट कैटेगरी में 212 किलो वजन उठाकर गोल्ड मैडल पर कब्जा जमाया।

87.30 किलो वजन वाले सुधीर ने रैक हाइट 14 के साथ पहले अटैम्प्ट में 208 किलो वजन और दूसरे अटैम्प्ट में 212 किलो वजन उठाया। 212 किलो वजन की लिफ्ट के साथ सुधीर ने कॉमनवेल्थ गेम्स का नया रिकॉर्ड भी कायम किया। हालांकि अपने आखिरी अटैम्प्ट में सुधीर 217 किलो वजन उठाने में नाकाम रहे, लेकिन तब तक वो इतिहास रच चुके थे। सुधीर कुल 134.5 पॉइंट्स लेकर टॉप पर रहे और गोल्ड जीता।

CWG 2022: श्रीशंकर ने रचा इतिहास, लॉन्ग जम्प में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने

27 साल के सुधीर ने स्वर्ण पदक के साथ बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (CWG 2022) में भारत के लिए पैरा खेलों में पदकों का खाता खोला। मेन्स हेवीवेट कैटेगरी में सुधीर के बाद नाइजीरिया के इकेचुकु क्रिस्टियन ओबिचुकु ने 133.6 अंकों के साथ रजत पदक जीता, जबकि स्कॉटलैंड के मिकी यूल ने 130.9 अंकों के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया।

CWG 2022 Hockey: भारतीय पुरुष टीम की सेमीफाइनल में ‘दबंग’ एंट्री, वेल्स को भी 4-1 से धोया

CWG 2022 में छठा गोल्ड मैडल

यह भारत के लिए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में ओवरऑल छठा गोल्ड मैडल है। इससे पहले वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू, जेरेमी लालनिरुंगा और अचिंता शेउली गोल्ड जीत चुके हैं। जबकि, महिला लॉन बॉल टीम और पुरुष टेबल टेनिस टीम ने भी गोल्ड मैडल अपने नाम किया था। भारत के लिए यह कुल 20वां पदक रहा। इनमें 6 गोल्ड, 7 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज शामिल हैं। भारत पदक तालिका में सातवें स्थान पर है।

CWG 2022 Boxing: अमित और जैस्मिन ने कटाया सेमीफाइनल का टिकट, भारत के 2 पदक और पक्के

क्या हैं पावरलिफ्टिंग के नियम, कैसे मिलते हैं अंक

पावरलिफ्टिंग में प्रत्येक एथलीट को वेट उठाने के तीन मौके दिए जाते हैं। वजन उठाने पर शरीर के वजन और तकनीक के अनुसार अंक प्रदान किए जाते हैं। एक समान वजन उठाने पर शारीरिक रूप से कम वजन वाले खिलाड़ी को दूसरे की तुलना में अधिक अंक मिलते हैं। सुधीर पांच वर्ष की आयु में पोलिया का शिकार हो गए थे। इसके बाद 2013 में सोनीपत में खुद को फिट रखने के लिए पावरलिफ्टिंग शुरू की थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here