नई दिल्ली। WTC Final : इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम टेस्ट में मजबूत स्थिति में होने के बाद टीम इंडिया को मिली हार के साइड इफेक्ट सामने आने शुरू हो गए हैं। इस हार के कारण सीरीज में 2-1 से आगे चल रहे भारत को 2-2 से ड्रॉ पर मजबूर होना पड़ा। स्लो ओवर रेट के कारण पेनल्टी भी भुगतनी पड़ी। वहीं अब इस हार का सबसे बड़ा नुकसान भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में उठाना पड़ सकता है। WTC Final की दौड़ में चल रही टीम इंडिया की फाइनल खेलने की उम्मीदें इस हार के साथ ही लगभग समाप्त हो गई हैं।
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स्लो ओवर रेट की वजह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी/ICC) ने भारत के दो अंक काट लिए हैं। ऐसे में टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में पाकिस्तान से नीचे चौथे स्थान पर पहुंच गई है। वहीं, पाकिस्तान भारत से एक स्थान ऊपर यानी तीसरे स्थान पर आ गया है। इसके अलावा भारतीय खिलाड़ियों पर मैच फीस का 40 फीसदी जुर्माना भी लगा है।
भारतीय टीम पहली WTC Final में खेली थी। तब भारत ने 70% से ज्यादा पॉइंट्स हासिल कर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी। WTC की पॉइंट्स टेबल परसेंटेज पॉइंट्स के आधार पर तय होती है। इस बार भारतीय टीम का 70% पॉइंट्स जुटाना बहुत मुश्किल है। इंग्लैंड से एजबेस्टन टेस्ट में हार के बाद टीम इंडिया के 77 अंक थे, जबकि उसका प्वाइंट पर्सेंटेज 53.47 था। वहीं, अब दो अंक कटने के बाद भारत के 75 अंक हो गए हैं, जबकि उसका प्वाइंट पर्सेंटेज 52.08 हो गया है। टीम इंडिया ने 2021-23 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप साइकिल में अब तक कुल 12 टेस्ट खेले हैं। इसमें से टीम ने छह में जीत हासिल की है। वहीं, चार में टीम को हार मिली है। दो टेस्ट ड्रॉ रहे हैं।
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दूसरी WTC में भारत को अभी 6 टेस्ट और खेलने हैं। 4 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (भारत में) और 2 बांग्लादेश के खिलाफ (बांग्लादेश में)। भारतीय टीम अगर सभी 6 टेस्ट मैच जीत भी लेती है तो भी उसके 68.98% पॉइंट्स ही रहेंगे। यानी भारतीय टी 70% तक नहीं पहुंच पाएगी। हालांकि भारतीय टीम 68.98% पॉइंट्स के साथ भी WTC Final में पहुंच सकती है, लेकिन एक और हार के बाद स्थिति बदल जाएगी।
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