नई दिल्ली। WTC Final : भारत और इंग्लैंड के बीच 1 जुलाई से बर्मिंघम टेस्ट खेला जाना है। भारत के पिछले इंग्लैंड के दौरान ही यह मैच आयोजित होना था लेकिन उससे पहले ही कोरोना के कारण सीरीज को बीच में ही रोक दिया गया। अब करीब 10 महीने बाद यह मैच कल से शुरू होने जा रहा है। भारत सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाए हुए है। ऐसे में इस मैच में जीत बड़ा विषय नहीं है, मैच जीतने पर भारत सीरीज भी 3-1 से अपने नाम कर लेगा। वहीं हारने पर सीरीज 2-2 से बराबर हो जाएगी। लेकिन बर्मिंघम टेस्ट में हारने पर टीम इंडिया के लिए WTC Final (World Test Championship Final) की राह काफी मुश्किल हो जाएगी।
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क्या कहते हैं आंकड़े
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले सीजन में टीम इंडिया फाइनल खेली थी, जहां उसे न्यूजीलैंड के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी। हालांकि इस बार न्यूजीलैंड पहले ही WTC Final की होड़ से बाहर हो चुकी है। इंग्लैंड का भी फाइनल में पहुंचने के कोई चांस नहीं बचा है। लेकिन भारत होड़ में बना हुआ है।
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भारतीय टीम अभी डब्ल्यूटीसी पॉइंट्स टेबल में तीसरे स्थान पर है। फाइनल के लिए उसे हर हाल में टॉप-2 में आना होगा। पिछले सीजन में टीम इंडिरू ने 70 फीसदी से अधिक अंकों के साथ WTC Final के लिए क्वालिफाई किया था। ऐसे में अगर भारत को इस बार भी 70 फीसदी से ज्यादा पॉइंट्स लेने हैं तो उसे अपने आखिरी 7 टेस्ट मैचों में से 6 मैच जीतने होंगे। इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच के बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया से अपने घर में 4 और बांग्लादेश से उसके घर में 2 टेस्ट जीतने होंगे।
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बर्मिंघम हारे तो आगे की राह मुश्किल
अगर भारतीय टीम इंग्लैंड से बर्मिंघम टेस्ट मैच हार जाती है तो फिर उसके बाकी बचे 6 मैच एकतरह से नॉक आउट जैसे साबित हो सकते हैं। हालांकि भारतीय टीम 7 में से 5 मैच भी जीत जाती है तो उसके करीब 65 फीसदी पॉइंट्स होंगे। इस स्थिति में भी टीम इंडिया टॉप-2 में आ सकती है लेकिन तब उसे दूसरी टीमों के नतीजों पर भी निर्भर रहना होगा।