नई दिल्ली। Hockey: अगले साल होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स (commonwealth games 2022) में भारतीय महिला एवं पुरुष Hockey टीम हिस्सा नहीं लेंगी। यह पहली बार होगा जबकि भारतीय हॉकी टीम खेलों के इस बड़े आयोजन का हिस्सा नहीं होंगी। हालांकि यह सब एक रणनीति के तहत किया जा रहा है।
घरेलू हिंसा प्रकरण में फंसे टोक्यो ओलंपिक चैंपियन Alexander Zverev
दरअसल, भारत ने कोविड-19 से जुड़ी चिंताओं और देश के यात्रियों के प्रति ब्रिटेन के भेदभावपूर्ण क्वारंटाइन नियमों के कारण यह फैसला किया है। Hockey India के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोबम ने महासंघ के फैसले से भारतीय ओलंपिक संघ (प्व्।) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को अवगत करा दिया है। भारत के प्रति ब्रिटेन के दोहरे रवैए को भी इस निर्णय के पीछे अहम माना जा रहा है। ब्रिटेन ने एक दिन पहले भारत में अगले साल होने वाले जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप से हटने का फैसला किया था। भारत का फैसला इसका जवाब माना जा रहा है।
T20 World Cup: भारत-पाक मैच में विज्ञापनों से हर सेकंड इतना कमाएंगी कंपनियां
Hockey India ने कहा है कि बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (28 जुलाई से 8 अगस्त) और हांग्झू एशियाई खेलों (10 से 25 सितंबर) के बीच सिर्फ 32 दिन का अंतर है और वे अपने खिलाड़ियों को ब्रिटेन भेजकर जोखिम नहीं उठाना चाहता, जो कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल रहा है। निंगोबम ने लिखा, ‘एशियाई खेल 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए महाद्वीपीय क्वालिफिकेशन प्रतियोगिता है और एशियाई खेलों की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए हॉकी इंडिया कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान भारतीय टीमों के किसी खिलाड़ी के कोविड-19 संक्रमित होने का जोखिम नहीं ले सकता।’
ISSF Junior World Championship: ऐश्वर्य और नामया ने भारत को दिलाए 2 गोल्ड
दरअसल, Tokyo Olympics में पुरुष एवं महिला Hockey टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद अब हॉकी इंडिया और खिलाड़ियों के टारगेट पर 2024 के पेरिस ओलंपिक गेम्स और उसके क्वालिफायर्स हैं। अगले साल होने वाले Commonwealth Games 2022 के लगभग एक महीने बाद ही चीन में एशियाई खेलों का आयोजन होना है। एशियन गेम्स के हॉकी गोल्ड मैडलिस्ट को ओलंपिक में खेलने का सीधा मौका मिलता है। यही कारण है कि भारतीय टीमों को अब अपनी फिटनेस और लय को बनाए रखने का मौका भी मिलेगा।