Tokyo Olympics में चांदी से भारत की शुरुआत
नई दिल्ली। भारत ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में अपने मेडल का खाता सिल्वर के साथ खोला है। महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने भारत को 49 किग्रा महिला वेटलिफ्टिंग में यह मेडल दिलाया है।
मीराबाई ने उठाया 115 किग्रा वजन
Tokyo Olympics की वेटलिफ्टिंग प्रतिस्पर्धा में क्लीन एंड जर्क के अपने दूसरे प्रयास में मीराबाई ने कुल 115 किग्रा वजन उठाकर नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया। हालांकि यह रिकॉर्ड उनका ज्यादा देर तक कायम नहीं रहा और चीन की होऊ झीहुई ने अगले ही प्रयास में 116 किग्रा वजन उठाकर इसे तोड़ दिया।
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यूं चला जीत का सिलसिला
Tokyo Olympics में भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने फाइनल प्रयास में 117 किलो का वजन उठाया और रजत पदक से संतोष करना पड़ा। उन्होंने दूसरे प्रयास में 115 किलो का वजन उठाया। हालांकि पहले प्रयास में वह केवल 110 किलो भार ही उठा पाई थी। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था। चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किग्रा (स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्रा का वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया।
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पीएम मोदी ने दी बधाई
ओलंपिक में मीराबाई के पदक जीतने पर उनकी इस उपलब्धि पर देश में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मीराबाई चानू को ओलंपिक में रजत पदक जीतने पर बधाई दी। वहीं कांग्रेसी नेता राहुल गांधी, क्रिकेटर अनिल कुम्बले ने भी मीराबाई चानू को मेडल जीतने पर बधाई दी है।
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खेल रत्न और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है मीराबाई
Tokyo Olympics में सिल्वर मेडल जीतने से पहले मीराबाई ने साल 2017 में वर्ल्ड चैंपियनशिप प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इसके अलावा उन्होंने 2020 एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था तो वहीं कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 में सिल्वर और 2018 में गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे। उनकी शानदार उपलब्धियों की वजह से उन्हें साल 2018 में सबसे बड़े खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा वो पद्मश्री से भी सम्मानित की जा चुकी हैं।