टोक्यो। Olympic खेलों के नियम वाली प्लेबुक के अंतिम और तीसरे संस्करण को इंटरनेशनल ओलंपिक समिति (IOC) के खेल निदेशक किट मैककोनेल ने जारी कर दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोरोना (Corona) संक्रमित पाए जाने के कारण एथलीट को उसकी स्पर्धा से बाहर नहीं किया जाएगा, बल्कि वह अपनी जगह का हकदार होगा।
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…तो मिलेगा सिल्वर मेडल
मैककोनेल ने कहा कि यदि लंबे समय तक चलने वाले खेल जैसे कि टेनिस और बैडमिंटन में खिलाड़ी फाइनल से पहले कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो फिर उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ेगा। हमने हर खेल के नियम में कोविड-19 के कारण कुछ बदलाव किए हैं, जो कि सभी अंतरराष्ट्रीय संघों को दे दिए जाएंगे।
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और ये नियम भी बनाए
मैककोनेल ने आगे नियम के बारे में बताया कि यदि कोई खिलाड़ी कोरोना के चलते भाग नहीं ले सकता है तो अयोग्य (डिस्क्वालीफाई) की जगह उसने खेल शुरू नहीं किया (डिड नाट स्टार्ट) लिखा जाएगा, क्योंकि कोरोना पॉजिटिव होने पर उस एथलीट या फिर टीम की कोई गलती नहीं है। इसके अलावा यदि किसी खिलाड़ी को बाहर होना पड़ता है तो उसके स्थान की खाली जगह बनी रहेगी।
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तो फिर स्तर के हिसाब से दिया जाएगा मेडल
जब तक उससे अधिक रैंक का एथलीट योग्य नहीं होगा। इसके अलावा अगर कोई टीम सेमीफाइनल में भाग नहीं ले पाता है तो फिर उसकी जगह शायद क्वार्टर फाइनल में खेलने वाली टीम लेगी। वहीं यदि कोई एथलीट पदक की दावेदारी वाले मैच में कोरोना से संक्रमित पाया जाता है तो उसे निम्न स्तर के हिसाब से मेडल दिया जाएगा।
कोरोना नियमों को उल्लंघन तो होगी निलंबन की कार्रवाई
इन सबके विपरीत यदि एथलीट कोरोना नियमों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो उस पर निलंबन लगाने की भी प्रक्रिया है। गौरतलब है कि ओलंपिक (Olympic) प्लेबुक में खिलाडि़यों और अधिकारियों के लिए कोरोना संबंधी दिशा निर्देश हैं। इसका दूसरा संस्करण अप्रैल में आया था और तीसरे में भी कोई खास बदलाव नहीं है। इसमें खिलाडि़यों से लेकर मीडिया, प्रसारकों और सहयोगी स्टाफ के लिए विस्तार से दिशानिर्देश होंगे, जिनका उन्हें ओलंपिक के दौरान पालन करना अनिवार्य होगा।