नई दिल्ली। जापान में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों के कारण अब टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कोरोना 19 को देखते हुए जापान के कई प्रमुख शहरों में 11 मई को खत्म हो रहे लॉकडाउन को इस महीने के अंत तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि देश में लगातार बढ़ते केसों के चलते लॉकडाउन को इस पूरे महीने तक रखा जाएगा।
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ओलंपिक खेल रद्द करने को लेकर ऑनलाइन याचिका दायर
गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक खेल इसी साल 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच होने है, लेकिन इसको रद्द करने के लिए जापान में एक ऑनलाइन याचिका दायर की गई है। यह अभियान शुरू होने के 2 दिन के अंदर ही 2 लाख से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर कर टूर्नामेंट का विरोध जताया है। जापानी क्योदो न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह ऑनलाइन याचिका इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के प्रेसिडेंट थॉमस बाक, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदो सुगा और टूर्नामेंट से जुड़ी दूसरी संस्था और अधिकारियों को भेजी गई।
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सरकार के खिलाफ पहले भी याचिकाएं लगा चुके हैं केंजी
बता दें कि यह याचिका लॉयर केंजी उत्सुनोमिया ने बुधवार को दायर की है। वे टोक्यो सरकार के खिलाफ इससे पहले भी कई बार याचिकाएं लगा चुके हैं। केंजी ने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि 17 मई को ओलंपिक टॉर्च रिले इवेंट है। इसी दिन थॉमस बाक जापान आएंगे और अगले दिन प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग करेंगे। इससे पहले हम ज्यादा से ज्यादा अभियान के सपोर्ट में लोगों के हस्ताक्षर एकत्रित करना चाहते हैं।
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मेडिकल सुविधाओं की बेहद कमी
याचिकाकर्ता केंजी का मानना है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच में टोक्यो ओलंपिक कराना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि जापान के कई शहरों में मेडिकल सुविधाओं की बहुत ज्यादा कमी है। लोग कोरोना से जूझ रहे हैं। ऐसे में टूर्नामेंट कराना हेल्थ वर्कर्स, नागरिकों और गेम्स में शामिल होने वाले लोगों के लिए खतरनाक साबित होगा। ओलंपिक में अभी तीन महीने से भी कम का समय बचा है। फिलहाल, टोक्यो शहर कोरोना के चलते इमरजेंसी की दौर से गुजर रहा है।
…तो होगा 25 अरब डालर का नुकसान
टोक्यो ओलंपिक वर्ष 2020 में होने थे, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से एक साल के लिए टाल दिए गए थे। ओलंपिक में 11हजार खिलाड़ी भाग लेंगे। यह पहला अवसर नहीं था, जब टोक्यो में होने वाले ओलंपिक को टाला गया। 1940 में इस शहर को पहली बार इन खेलों की मेजबानी मिली थी, लेकिन चीन से युद्ध की वजह से यह गेम्स रद्द कर दिए गए थे। इससे पहले वर्ल्ड वॉर के कारण बर्लिन ओलंपिक (1916), टोक्यो (1940) और लंदन गेम्स (1944) को कैंसिल करना पड़ा था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यदि इस बार टोक्यो ओलिंपिक रद्द होते हैं, तो करीब 25 अरब डॉलर का नुकसान होगा।