पेरिस। Vinesh Phogat: ओलंपिक मेडल को लेकर विनेश फोगाट और भारतीय फैंस का इंतजार और लंबा होता जा रहा है। फोगाट के आवेदन पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) ने फैसला फिर टाल दिया। सीएएस के अनुसार अब इस मामले पर फैसला 16 अगस्त को सुनाया जाएगा। पहले यह निर्णय 13 अगस्त को सुनाने का ऐलान किया गया था। इस मामले में अब सवाल ये भी उठने लगे हैं कि आखिर सीएएस को विनेश प्रकरण में अपना निर्णय देने में इतना समय क्यों लग रहा है।
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भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की विज्ञप्ति के अनुसार, ‘CAS अध्यक्ष ने विनेश फोगाट बनाम यूनाईटेड विश्व कुश्ती (UWW) और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति मामले में एकमात्र मध्यस्थ डॉ. एनाबेले बेनेट को अपना फैसला सुनाने के लिए शुक्रवार 16 अगस्त 2024 पेरिस समय के अनुसार शाम छह बजे तक अनुमति दी है।’
इससे पहले 10 अगस्त को CAS ने फैसला टाल दिया था। कोर्ट ने 9 अगस्त को 3 घंटे तक इस मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान विनेश भी वर्चुअली मौजूद रहीं। भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखा था। गौरतलब है कि पेरिस ओलंपिक रेसलिंग के 50 किलो वेट कैटेगरी के फाइनल मैच से पहले Vinesh Phogat को 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जबकि शुरुआती दौर से पहले किए गए वजन में विनेश 50 किग्रा वेट कैटेगरी की तय सीमा से कम थीं। ऐसे में विनेश ने जॉइंट सिल्वर मेडल की मांग की।
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विनेश के के वकीलों ने रखीं ये दलीलें
– 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन के 0.1ः से 0.2ः से ज्यादा नहीं है। यह गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है। यह इंसान की जीवित रहने की जरूरत की वजह से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है।
– Vinesh Phogat को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा। ऐसे में उनका वजन 52.7 किलो पहुंच चुका था।
– खेल गांव और ओलंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन लगातार मुकाबलों के कारण विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम नहीं मिला।
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विनेश के मामले पर 2 अहम बयान…
एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा का इस मामले में बयान अहम है। उन्होंने कहा, ’वजन का मैनेजमेंट करना खिलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी है। खासकर कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग और जूडो जैसे खेलों में। इनमें एथलीटों के वजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि आईओए द्वारा नियुक्त चीफ मेडिकल अफसर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।’
Vinesh Phogat के मामले में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने इस मामले में कहा, ’नहीं, यदि आप सामान्य रूप से एक वर्ग में दो सिल्वर मेडल दिए जाने के बारे में पूछ रहे हैं। मुझे लगता है कि इंटरनेशनल फेडरेशन के नियम का पालन किया जाना चाहिए। वेट कट का फैसला यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का था। यदि हम 100 ग्राम के साथ अनुमति देते हैं तो 102 ग्राम के साथ क्यों नहीं देंगे। अब यह मामला कोर्ट में है। अब हम सीएएस के निर्णय का पालन करेंगे। फिर भी फेडरेशन को अपने नियमों को लागू करना है। यह उनकी जिम्मेदारी है।’
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क्या है CAS
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक ऑर्गनाइजेशन है। इसका काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों को खत्म करना है। इसकी स्थापना साल 1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में स्थित है। वहीं इसके कोर्ट न्यूयॉर्क और सिडनी में भी हैं। वैसे अस्थायी कोर्ट वर्तमान ओलंपिक शहरों में भी बनाई जाती हैं। इसी वजह से सीएएस इस बार पेरिस में स्थापित है, जहां विनेश फोगाट मामले की सुनवाई हुई।