Paris Olympics में 4 के फेर में फंसे भारतीय एथलीट, हाथ से फिसले इतने पदक

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Paris Olympics Heartbreak for India, 6 athlete finish Fourth Place, Paris 2024

नई दिल्ली। Paris Olympics खत्म हो चुके हैं और भारतीय दल ने एक सिल्वर सहित कुल 6 पदकों पर कब्जा किया। एक बार फिर अमेरिका ओलंपिक का किंग बनकर उभरा। यूएसए ने 40 गोल्ड समेत 126 मेडल अपने नाम किया। जबकि चीन के खाते में भी 40 ही गोल्ड आए लेकिन पदकों की कुल संख्या के लिहाज से वो अमेरिका से काफी पीछे रहा। जहां तक भारतीय दल की बात है कि भारत ने ओलंपिक में 117 एथलीट्स भेजे थे। प्रदर्शन की बात करें तो भारत पेरिस ओलंपिक में 71वें स्थान पर रहा लेकिन अगर किस्मत ने साथ दिया होता और एथलीट्स का प्रदर्शन थोड़ा और बेहतर होता तो भारत 16 मेडल तक जीत सकता था।

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6 इवेंट में चौथे स्थान पर रहे भारतीय एथलीट्स

भारत ने Paris Olympics में सबसे ज्यादा 3 मेडल शूटिंग में जीते और 3 इवेंट में चौथे स्थान पर रहा। भारत के लिए दो ब्रॉन्ज जीतने वालीं मनु भाकर भी अपने तीसरे इवेंट में चौथे स्थान पर रहीं और तीसरे मेडल से चूक गईं। इसी तरह बैडमिंटन में भारत 2012 से लगातार मेडल जीत रहा था, लेकिन इस बार मेंस सिंगल्स में लक्ष्य सेन चौथे स्थान पर रहे और पदक से वंचित रह गए। वेटलिफ्टिंग और आर्चरी के भी एक-एक इवेंट में चौथे स्थान पर रहने के कारण देश मेडल नहीं जीत सका।

इन खिलाड़ियों ने किया चौथे स्थान पर फिनिश

– मनु भाकर (शूटिंग)- 25 मीटर पिस्टल फाइनल में एक प्वाइंट से ब्रॉन्ज मेडल चूक गईं।
– अर्जुन बबूता (शूटिंग)- 10 मीटर एयर राइफल में चौथे स्थान पर रहे।
– अनंतजीत सिंह नरूका और माहेश्वरी चौहान- स्कीट मिक्स्ड टीम इवेंट में चौथे स्थान पर रहे।
– मीराबाई चानू (वेटलिफटिंग)- 49 किग्रा भार वर्ग में चौथे स्थान पर रहीं।
– लक्ष्य सेन (बैडमिंटन)- सिंगल्स के ब्रॉन्ज मेडल में हारे और चौथे स्थान पर रहे।
– धीरज और अंकिता भकत (आर्चरी)- ब्रॉन्ज मेडल मैच में हारे, चौथा स्थान हांसिल किया।

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रेसलिंग में हाथ से फिसले 2 मेडल

Paris Olympics में भारत से इस बार 6 रेसलर्स ने क्वालिफाई किया, सभी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन मेडल सिर्फ एक मिला। दो रेसलर ऐसी रहीं जिनमें से एक तो भारत के लिए मेडल जीतने के कगार पर थी लेकिन दुर्भाग्यवश वंचित रह गईं। वहीं दूसरी ऐसी रेसलर रही जो मेडल जीतने के बाद भी उससे वंचित कर दी गई।

– विनेश फोगाट- विमेंस रेसलिंग के 50 किग्रा इवेंट में विनेश फोगाट ने पहला ही मैच वर्ल्ड नंबर-1 जापान की यूई सुसाकी के खिलाफ खेला। विनेश ने बेहतरीन डिफेंस से मुकाबला 3-2 के अंतर से जीत लिया। विनेश ने फिर क्वार्टर फाइनल 7-5 और सेमीफाइनल 5-0 से जीत लिया और फाइनल में जगह बनाई। विनेश ने कम से कम सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था।

फॉर्म को देखते हुए विनेश से गोल्ड जीतने की भी उम्मीदें थीं। लेकिन फाइनल के दिन दोपहर 12 बजे खबर आई कि विनेश वेट-इन के दौरान 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण डिसक्वालिफाई कर दी गई हैं। इस कारण उन्हें कोई मेडल नहीं मिलेगा। विनेश ओलिंपिक रेसलिंग के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला थीं, लेकिन डिसक्वालिफिकेशन ने देश का मेडल छीन लिया। विनेश इस फैसले इतनी दुखी हुईं कि उन्होंने संन्यास ही ले लिया।

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– निशा दहियाParis Olympics में रेसलिंग के ही 68 किग्रा विमेंस इवेंट में उतरीं निशा दहिया ने सभी को चौंकाकर पहला मैच 6-4 से जीत लिया। क्वार्टर फाइनल में भी उन्होंने दबदबा दिखाया, 5 मिनट तक वह 8-0 से आगे थीं। तभी उनकी कोहनी में चोट लग गईं। चोट इतनी गहरी थी कि उनकी आंखों से आंसू बहने लगे, मेडिकल टीम ने उन्हें चेक किया, लेकिन निशा दर्द से तड़पे ही जा रही थीं।

निशा ने कुछ देर बाद बाउट जारी रखी, लेकिन नॉर्थ कोरियन रेसलर ने उनकी चोट का फायदा उठाना शुरू कर दिया। उन्होंने निशा के हाथ पर ही अटैक किया और स्कोर 8-8 से बराबर कर दिया। आखिरी 12 सेकेंड में कोरियन रेसलर ने बढ़त बनाई और 10-8 से जीत दर्ज कर ली। निशा अगर फिट रहतीं तो कन्फर्म ही सेमीफाइनल में पहुंच जातीं। पूरी तरह संभव था कि वह फाइनल में भी जगह बना लेतीं, लेकिन इंजरी के कारण ऐसा हो नहीं सका।