Sourav Ganguly- Jay Shah का कार्यकाल बढ़ाने और बोर्ड संविधान में संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला
नई दिल्ली। बीसीसीआई में सौरव गांगुली तथा सचिव जय शाह का भविष्य आज तय होगा। Sourav Ganguly- Jay Shah का कार्यकाल बढ़ाने और बोर्ड संविधान में संशोधन को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा।
दरअसल, पिछले साल अक्टूबर में पदभार संभालने वाले गांगुली को 9 महीनों के लिए इस पद पर जिम्मेदारी दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार गांगुली को दोबारा बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले तीन साल का अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) लेना होगा। इसी कूलिंग पीरियड के नियम को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। यदि सुप्रीम कोर्ट याचिका के पक्ष में फैसला देता है तो Sourav Ganguly- Jay Shah का कार्यकाल बिना किसी रोक-टोक के बढ़ जाएगा। अन्यथा उन्हें कूलिंग पीरियड पर जाना होगा।
वहीं दूसरी तरफ, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा बीसीसीआई के सपोर्ट में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि Sourav Ganguly- Jay Shah के कूलिंग ऑफ पीरियड को हटाने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में उनका वकील विरोध नहीं करेगा। बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) के सचिव आदित्य 2013 फिक्सिंग मामले के याचिकाकर्ता हैं।
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सीओए ने बनाया था नियम
दरअसल, प्रशासकों की समिति (सीओए) ने नियम बनाया था कि कोई भी व्यक्ति राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में लगातार 6 साल किसी भी पद पर बना रहता है, तो उसे 3 साल के कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा। इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दी थी। गांगुली बंगाल क्रिकेट बोर्ड (सीएबी) के 5 साल 3 महीने तक अध्यक्ष रह चुके हैं। इस लिहाज से उनके पास बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर 9 महीने का कार्यकाल ही बचा था। जय शाह भी गुजरात क्रिकेट संघ में सचिव रह चुके हैं। अब कूलिंग ऑफ पीरियड नियम में छूट के बाद गांगुली और शाह अपने 3 साल का कार्यकाल पूरा कर सकें।बीसीसीआई कोषाध्यक्ष की याचिका
सुप्रीम कोर्ट यह बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका में कहा, ‘‘बीसीसीआई ने पिछले साल हुई वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) में 9 अगस्त 2018 से लागू कूलिंग ऑफ पीरियड में जाने के नियम में संशोधन कर अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल को बढ़ाने की स्वीकृति दे दी थी।’’ बोर्ड के संशोधन के मुताबिक, Sourav Ganguly- Jay Shah पर कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाने का नियम तभी लागू होगा, जब वे बीसीसीआई में लगातार 6 साल काम पूरा कर लेते हैं। राज्य क्रिकेट संघ में किए गए काम को बीसीसीआई अधिकारियों के काम में नहीं जोड़ा जाएगा।