नई दिल्ली। भारतीय पहलवान दीपक पूनिया के विदेशी कोच मोराड गेड्रोव (Morad Gedrov) को टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) से बाहर कर दिया गया है। मोराड पर आरोप है कि कांस्य पदक मैच में दीपक की हार के बाद वे रेफरी रूम में गए और मुकाबले में निर्णय करने वाले रेफरी पर हमला कर दिया। दीपक पूनिया 86 KG वेट कैटेगरी में सैन मैरिनो के नाजेम मायलेस एमिने से हार गए थे। एक समय दीपक 2-1 से आगे चल रहे थे लेकिन आखिरी 10 सेकंड में नाजेम मायलेस भारतीय पहलवान पर भारी पड़े।
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आखिरी पल में हारे थे दीपक
Tokyo Olympics के तहत खेले गए इस मैच में दीपक का रक्षण पूरे मुकाबले में अच्छा था लेकिन सैन मारिको के रेसलर ने मैच के आखिरी पलों में भारतीय रेसलर का दांया पैर पकड़कर उन्हें गिराकर निर्णायक दो अंक हासिल किए।
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WFI ने गेड्रोव को टर्मिनेट किया
जानकार सूत्रों के अनुसार यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने तुरंत इस मामले की शिकायत इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) से की है। UWW ने इस मामले में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) से भी तुरंत कार्रवाई करने की बात कही है। हालांकि, पहले WFI ने उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया था। इसके बाद UWW ने पूछा कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने गेड्रोव के खिलाफ क्या एक्शन लिया है। इसके बाद भारतीय फेडरेशन ने जवाब दिया कि उन्हें टर्मिनेट कर दिया है।
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IOC ने गेड्रोव की मान्यता कर दी समाप्त
UWW ने IOC से कहा है कि गेड्रोव लगातार ऐसी हरकतें करते रहे हैं और उन्हें पहले भी चेतावनी दी जा चुकी है। Morad Gedrov ने बीजिंग Olympics में 74 किलोग्राम वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। उन्हें 2004 में हुए एथेंस ओलंपिक के दौरान डिसक्वालिफाई कर दिया गया था। तब उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार के बाद अपने विपक्षी खिलाड़ी पर हमला किया था। IOC ने Morad Gedrov की मान्यता तुरंत समाप्त दी है और इस बारे में भारत को भी सूचित कर दिया है। गेड्रोव को तुरंत खेल गांव छोड़ने के लिए कहा गया है। टोक्यो में एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि हमें आइओसी का लेटर मिला है। ये गंभीर अनुशासनहीनता है।