टोक्यो। भारतीय शूटर अवनि लेखरा (Avani lekhara) ने Tokyo Paralympics में गोल्ड मैडल जीतकर इतिहास रच दिया है। अवनि ने वो कारनामा कर दिखाया है, जो आज तक कोई महिला नहीं कर सकीं। चाहे ओलंपिक हों या पैरालंपिक, अवनि भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं, जिसने गोल्ड मैडल पर निशाना लगाया है। भारत के लिए ओलंपिक या पैरा ओलंपिक में आज तक सिर्फ पुरूष खिलाड़ियों ने ही गोल्ड मैडल जीता था, लेकिन अब उनका वर्चस्व अवनि लखेरा ने तोड़ दिया है।
टोक्यो पैरालंपिक्स में महिला 10 मीटर एयर राइफल (SH1) प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर अवनी लखेरा को हार्दिक बधाई। आपने देश को गौरवान्वित किया है। भावी सफलताओं के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।#Paralympics #Praise4Para #Tokyo2020 pic.twitter.com/B8moThoSb6
— Vice President of India (@VPSecretariat) August 30, 2021
Phenomenal performance @AvaniLekhara! Congratulations on winning a hard-earned and well-deserved Gold, made possible due to your industrious nature and passion towards shooting. This is truly a special moment for Indian sports. Best wishes for your future endeavours.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2021
ओलंपिक खेलों में पीवी सिंधू, मीराबाई चानू भारत के लिए सिल्वर जीत चुकी हैं। इसी तरह बॉक्सर मैरीकॉम और रेसलर साक्षी मलिक ब्रॉन्ज अपने नाम कर चुकी हैं लेकिन ओलंपिक गोल्ड अभी तक भारतीय महिलाओं की पकड़ से दूर था। लेकिन आज इस कमी को भी Tokyo Paralympics में अवनि लेखरा ने पूरा कर दिया।
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गोल्ड जीतने वाली छठी भारतीय
अवनि लेखरा Olympics – Paralympics खेलों में गोल्ड जीतने वाली छठी भारतीय हैं। पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला गोल्ड मुरलीकांत पेटकर ने 1972 पैरालंपिक में दिलाया था। पेटकर ने पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी स्पर्धा में 37.33 सेकंड का समय लेकर विश्व रिकार्ड बनाने के साथ स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद देवेंद्र झाझरिया ने एथेंस ओलंपिक 2004 और रियो ओलंपिक 2016 में जेवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड दिलाया। वहीं रियो खेलों में मरियप्पन थंगावेलु ने रियो खेलों में ऊंची कूद स्पर्धा में 1.89 मीटर कूद लगाकर स्वर्ण पदक जीता था। वहीं ओलंपिक खेलों में अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में, जबकि नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
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एक्सीडेंट में टूट गई थी रीढ़ की हड्डी
अवनि लेखरा और उनके पापा प्रवीण लेखरा का 2012 में जयपुर से धौलपुर जाने के दौरान एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें उनके पापा और वह घायल हो गई। कुछ समय बाद उनके पापा स्वस्थ हो गए, परंतु अवनि को तीन महीने अस्पताल में बिताने पड़े, फिर भी रीड की हड्डी में चोट की वजह से वह खड़े और चलने में असमर्थ हो गईं। तब से व्हीलचेयर पर ही हैं।
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अवनि कुछ दिन डिप्रेशन में रही और अपने आप को कुछ दिनों तक कमरे बंद कर लिया। माता-पिता के सतत प्रयासों के बाद अवनि में आत्म विश्वास लौटा और अभिनव बिन्द्रा की बायोग्राफी से प्रेरणा लेकर वह निशानबाजी करने लगी।
GOLD IT IS! As a coach couldn’t have been any more proud of @AvaniLekhara and her performance today! India’s first woman to win a gold medal at Olympics or #Paralympics & with a world record. Surely more to come from her in the future too! #Praise4Para@ParalympicIndia @Tokyo2020 pic.twitter.com/LJMC1wambf
— Suma Shirur OLY (@SumaShirur) August 30, 2021
Paralympics में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला
अवनि लेखरा Paralympics में भारत की तरफ से पदक जीतने वाली सिर्फ तीसरी महिला हैं। भाविना पटेल पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत की तरफ से पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी महिला हैं। दीपा मलिक पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने रियो पैरालंपिक 2016 में गोला फेंक में 4.61 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता था। उनके कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त है।