लिफ्टर्स को अवसाद से बचाने के लिए मनोचिकित्सकों की सेवा लेगा IWLF

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IWLF: 23 जनवरी से शुरू होंगे ऑनलाइन सत्र, रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

नई दिल्ली। कोरोना के दौर में बंद पड़ी खेल गतिविधियों के कारण खिलाडियों में अवसाद और तनाव के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसका शिकार राज्य स्तरीय और जूनियर खिलाड़ी ज्यादा हो रहे हैं। कई प्रकरण ऐसे भी सामने आए हैं कि टूर्नामेंट नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को खेलों को छोड़कर दूसरे कामों में शामिल होना पड़ा। ऐसे में अब खेल संघ भी इस समस्या के समाधान के लिए सक्रिय हुए हैं। भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ (IWLF) ने खिलाड़ियों में अवसाद के मामलों को गंभीरता से लेते हुए अपने स्तर पर एक सार्थक पहल की है।

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भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ (IWLF) के संज्ञान में ऐसे मामले आने के बाद अब संघ ने मनोचिकित्सक की सेवाएं लेने का फैसला किया है। मनोचिकित्सक के जरिए लेकर देश भर के वेटलिफ्टरों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए IWLF मनोचिकित्सक के ऑनलाइन सत्रों की श्रृंखला शुरू कर रहा है। इसका पहला सत्र 23 जनवरी से शुरू होगा। इस सत्र के लिए संघ ने डॉ. अंजुमन बेंस की सेवाएं ली हैं। साथ देश भर में सभी वेटलिफ्टरों के लिए कोच और सपोर्ट स्टाफ को इनके सत्रों से जुड़ने के लिए कह दिया गया है। पहला सत्र 23 जनवरी को कराया जा रहा है। संघ ने सभी लिफ्टरों से रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है जो अनिवार्य है।

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छोटे शहरों में हालात ज्यादा विकट
कोरोना के कारण बंद पड़ी खेल गतिविधियां भले ही शुरू होने लगी हैं। लेकिन अभी भी ये सक्रियता बड़े टूर्नामेंट्स और बड़े शहरों तक ही सीमित हैं। छोटे शहरों में अभी भी खेल गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं। इसका सीधा खामियाजा खिलाड़ियों और कोच को उठाना पड़ रहा है। हालात वहां और भी गंभीर हैं जहां परिवारों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। कोचिंग और एकेडमियां अभी भी पूरी तरह नहीं खुली हैं। ऐसे में ना तो खिलाड़ी सही तरीके से अभ्यास कर पा रहे हैं। और ना ही कोचिंग का काम मिल रहा है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से खिलाड़ी अवसाद से घिर रहे हैं।

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