नई दिल्ली। विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप (Archery World Championship) में भारत सोने का पदक जीतने से चूक गया। उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत की महिला और मिश्रित युगल कंपाउंड तीरंदाजी टीम को कोलंबिया के खिलाफ एकतरफा मुकाबलों में शिकस्त का सामना करना पड़ा। ऐसे में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत विश्व चैम्पियनशिप में अपने पहले स्वर्ण पदक के लिए चुनौती पेश कर रहा था। भारत अब तक गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया है, लेकिन उसने सबसे अधिक10 बार पोडियम पर जगह बनाई है। इस दौरान भारत ने 8 बार फाइनल में चुनौती पेश की और उसे हर बार रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
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कोलंबिया ने शुरू से ही बनाए रखा दबाव
रैंकिंग दौर में चौथे स्थान पर रही अभिषेक वर्मा और ज्योति सुरेखा वेनाम की भारत की स्टार मिश्रित युगल जोड़ी ने Archery World Championship में एक अंक की बढ़त के साथ शुरुआत की, लेकिन इसके बाद कोलंबिया का दबदबा देखने को मिला। भारतीय जोड़ी को अंतत: 150-154 से हार का सामना करना पड़ा। ज्योति, मुस्कान किरार और प्रिया गुर्जर की सातवीं वरीय महिला टीम को सारा लोपेज, एलेजांद्रा उसक्वियानो और नोरा वाल्डेज की तिकड़ी के खिलाफ 224-229 से शिकस्त झेलनी पड़ी।
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कोलंबियाई टीम ने तीसरी बार जीता महिला खिताब
रैंकिंग दौर में शीर्ष पर रही कोलंबियाई टीम ने 15 बार 10 अंक पर निशाना साधा और इस दौरान उनके पांच निशाने बिल्कुल बीच में लगे। पहले दौर के बाद दोनों टीमें 58-58 से बराबर थीं। भारतीय महिला टीम ने इसके बाद बढ़त बनाने का मौका गंवाया और विरोधी टीम एक अंक से आगे हो गई। कोलंबियाई टीम ने इसके बाद भारतीय टीम को कोई अवसर नहीं दिया और आखिरी 12 में से आठ तीर 10 अंक पर मारकर तीसरी बार महिला खिताब जीता। यह 2017 के बाद टीम का पहला खिताब है।
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भारतीय खिलाड़ी आठ बार ही 10 अंक जुटा पाए
मिश्रित युगल में भारत के लिए दूसरा दौर खराब रहा, जहां उन्होंने दो बार नौ और एक बार आठ अंक के साथ एक अंक की बढ़त गंवाई और अंतत:चार अंक के अंतर से मुकाबला हार गई। डेनियल मुनोज और सारा ने पहले दौर के बाद वापसी की और तीसरे दौर में 40 में से 40 अंक जुटाकर पहली बार मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक जीता। कुल मिलाकर कोलंबियाई जोड़ी ने 16 में से 10 तीर पर 10 अंक जुटाए, जबकि भारतीय खिलाड़ी आठ बार ही 10 अंक जुटा पाए।
व्यक्तिगत कंपाउंड वर्ग में भी तीन पदक की दौड़ में भारत
कोलंबिया ने कंपाउंड तीरंदाजी में अपना दबदबा बरकरार रखा और विश्व चैम्पियनशिप में अपने स्वर्ण पदकों की संख्या को चार तक पहुंचाया। भारत व्यक्तिगत कंपाउंड वर्ग में भी तीन पदक की दौड़ में बना हुआ है। वर्मा और ज्योति को शनिवार को अपने अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले खेलने हैं। रिकर्व वर्ग में अंकिता भकत एकमात्र तीरंदाज बची हैं. वह रविवार को अंतिम आठ मुकाबले में उतरेंगी।