प्रतिबंधित Human Growth Hormone सेवन का आरोप, वाडा की जांच में पुष्टि
नई दिल्ली। 2018 काॅमनवेल्थ गेम्स के रजत पदक विजेता weightlifter pradeep singh को डोपिंग का दोषी पाया गया है। weightlifter pradeep singh को हयूमन ग्रोथ हार्मोन लेने का दोषी माना गया है। डोमेस्टिक सर्किट में रेेलवे का प्रतिनिधित्व करने वाले weightlifter pradeep singh के रक्त के नमूनों में यह प्रतिबंधित हार्मोन पाए जाने के बाद उन्हें 4 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने इस हार्मोन के किसी भी तरीके से सेवन पर प्रतिबंध लगा रखा है।
वाडा के डायरेक्टर जनरल नवीन अग्रवाल ने बताया कि यह पहला मौका है जबकि किसी भारतीय वेटलिफ्टर को एचजीएच के सेवन का दोषी पाया गया है। pradeep singh को डोप टेस्ट में फेल होने के बारे में मार्च 2020 में ही सूचित कर दिया गया था लेकिन कोरोना के कारण उनके बी सैंपल की टेस्ट रिपोर्ट मंगलवार को ही प्राप्त हुई थी।
- Covod-19 की चपेट में आए महान फुटबाॅलर ओलंपियन शाहिद हकीम
- Manchester Test कल से, विंडीज के पास इतिहास रचने का मौका
पटियाला के कैम्प में लिया था सैंपल
weightlifter pradeep singh के रक्त के नमूने गत वर्ष पटियाला के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्पोर्ट्स में चल रहे एक कैंप के दौरान लिए गए थे। इसके बाद सैंपल वाडा की दोहा स्थित लैब में भेजे गए थे। इसी दौरान फरवरी महीने में ही प्रदीप सिंह ने कोलाकाता में हुई नेशनल चैंपियनशिप की 102 किलोग्राम कैटेगिरी में गोल्ड मैडल जीता था। हालांकि यह उनके गत वर्ष चीन में आयोजित एशियन चैंपियनशिप के कुल वजन से 5 किलो कम था।
खबरियों से मिली थी टिप
मार्च में नाडा ने वेटलिफ्टिंग फैडेरेशन को weightlifter pradeep singh के डोप टेस्ट में फेल होने की सूचना दे दी थी। फैडरेशन के सूत्रों के अनुसार, प्रदीप सिंह को इसके तुरंत बाद कैंप से वापस भेज दिया गया था। दरअसल, वाडा को सूत्रों से यह जानकारी मिली थी कि कुछ एथेलीट प्रतिबंधित Human Growth Hormone हार्मोन का सेवन कर रहे हैं।