Yashasvi Jaiswal ने कभी नहीं बेची पानीपुरी, कोच ने किया बड़ा खुलासा

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मुंबई। Yashasvi Jaiswal अभी सुर्खियों में हैं। वजह है वेस्टइंडीज में खेली गई उनकी धमाकेदार पारी और डेब्यू टेस्ट में जड़ा सैकड़ा। टीम इंडिया में मिला वो मौका, जिसे उन्होंने दोनों हाथों से लपका। वेस्टइंडीज दौरे पर जायसवाल देश की क्रिकेट के नए हीरो के तौर पर उभरे हैं। लेकिन, इधर भारत में जो उनके कोच ने बयान दिया है, उसने उन पर सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल ये कि क्या यशस्वी जायसवाल झूठे हैं। दरअसल, यशस्वी ने खुद की क्रिकेट जर्नी को लेकर कही और जो उनके कोच ज्वाला सिंह ने एक इंटरव्यू में बताई हैं, उसमें तालमेल नहीं है।

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क्या यशस्वी जायसवाल ने झूठ बोला?

यशस्वी जायसवाल को लेकर जो सबसे पॉपुलर स्टोरी रही है वो उनके पानीपुरी यानी गोलगप्पे बेचने वाली है। लेकिन, उनके बचपन के कोच इसी अहम कहानी को झुठलाते दिख रहे हैं। उनके मुताबिक Yashasvi Jaiswal ने कभी गोलगप्पे बेचे ही नहीं। अब सवाल है कि जब यशस्वी ने ऐसा नहीं किया तो क्या उन्होंने झूठ बोला? दरअसल, यशस्वी जायसवाल के ऐसे तमाम इंटरव्यू भरे पड़े हैं, जिसमें वो खुद के गोलगप्पे बेचने की बात कहते दिख रहे हैं। स्टार स्पोर्ट्स पर अपनी क्रिकेट जर्नी को लेकर बात करते हुए यशस्वी ने खुद बताया था कि वो कैसे गोलगप्ले बेचा करते थे।

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यशस्वी को कोच ने कहा- कभी पानीपुरी नहीं बेची

लेकिन, अब उनके कोच ज्वाला सिंह का कुछ और ही कहना है। एक इंटरव्यू में ज्वाला सिंह ने Yashasvi Jaiswal के पानीपुरी बेचने की बात को गलत बताते हुए कहा कि इस स्टोरी में दम नहीं है। उन्होंने बताया कि यशस्वी जब 16 साल के थे तब उन्होंने एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने अपनी संघर्ष भरी कहानी को मजबूती देने के लिए ऐसे ही पानीपुरी बेचने की घटना का जिक्र किया था। बस तब से मीडिया को उसे हेडलाइन बनाने की आदत सी हो गई।

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बगैर अच्छे खान-पान के संभव नहीं प्रोफेशनल क्रिकेट

ज्वाला सिंह ने कहा कि Yashasvi Jaiswal के मुंबई आने के बाद उसक टेंट में रात गुजारने की बात भी बस कुछ दिन की है। उसके पास जीवनयापन की आधारभूत सुविधाएं नहीं थी। वो कुछ फेरीवाले की मदद जरूर करता था, बदले में उसे कुछ पैसे भी मिलते थे। लेकिन एक बार जब वो मेरे अंडर आ गया, उसके लिए ये सारी मुश्किलें खत्म हो गई। ज्वाला सिंह ने कहा कि वो आज जिस तरह की क्रिकेट खेल रहा है, वो बगैर अच्छे खाने, रहन-सहन के संभव नहीं था। मैंने ये सब उसे उपलब्ध कराया।

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कौन है सच्चा, कौन है झूठा?

अब सवाल ये है कि कौन है सच्चा और कौन झूठा? Yashasvi Jaiswal अगर सच बोल रहे हैं तो क्या उनके कोच ज्वाला सिंह फिर ऐसा कहकर बाएं हाथ के बल्लेबाज की सफलता में अपना श्रेय तो नहीं ढूंढ़ रहे। और, अगर कोच ज्वाला सिंह वाकई सच बोल रहे हैं तो फिर बड़ा सवाल ये है कि क्या यशस्वी झूठे हैं?

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