नई दिल्ली। टीम इंडिया में बतौर विकेटकीपर खेल चुके Naman Ojha ने शनिवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे नमन संन्यास से पहले पिता विनय कुमार ओझा के साथ इंदौर के होलकर स्टेडियम पहुंचे और पिच को प्रणाम किया। इसके बाद उनकी आंखें भर आईं। नमन ने कमर में दर्द और परिवार को समय नहीं दे पाने को संन्यास की वजह बताया है। नमन के नाम रणजी ट्रॉफी में विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा शिकार (351) करने का रिकॉर्ड है।
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भारत की तरफ से एक वनडे और दो टी20 मुकाबले खेलने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज Naman Ojha ने सोमवार 15 फरवरी को अपने क्रिकेट करियर पर विराम लगाने का फैसला लिया। साल 2010 में इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने श्रीलंका के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था लेकिन इसके बाद उनको कोई और मैच नहीं खेलने मिला। इसी साल जिम्बाब्वे के खिलाफ नमन ने दो टी20 मुकाबले खेले लेकिन इस सीरीज के बाद वह भारतीय टीम में वापसी नहीं कर पाए।
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पांच साल के बाद 2015 में विकेटकीपर बल्लेबाज Naman Ojha ने भारत की तरफ से टेस्ट डेब्यू किया था लेकिन दुर्भाग्य से इसके बाद उनको कोई और मैच खेलने नहीं मिला। कुल मिलाकर नमन का इंटरनेशनल करियर कुछ खास प्रभावशाली नहीं रहा। Naman Ojha ने अपने संन्यास का घोषणा करते हुए कहा, मैं अपने संन्यास की घोषणा कर रहा हूं। अब यह समय मेरे लिए आगे बढ़ने का है। यह एक लंबा सफर रहा, मुझे जितने भी मौके मिले उसके लिए शुक्रगुजार हूं। मैने देश और राज्य की तरफ से खेलने का सपना पूरा किया।
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भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट में नमन कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन रणजी ट्रॉफी में Naman Ojha के नाम खास उपलब्धि है। 146 रणजी मैच में इस विकेटकीपर ने विकेट के पीछे कुल 417 कैच पकड़े जबकि 54 स्टंपिंग की। 219 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी के साथ नमन ने फर्स्टक्लास में कुल 9753 रन बनाए।