नई दिल्ली। IPL के जरिए दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बने BCCI की एक और लॉटरी लगने वाली है। दरअसल चर्चा है कि सऊदी अरब दुनिया की इस सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में निवेश का इच्छुक है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सितंबर में भारत दौरे का एक विषय आईपीएल में हिस्सेदारी पर चर्चा भी था।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि क्राउन प्रिंस 30 बिलियन डॉलर यानी करीब ढाई लाख करोड़ रुपए की वैल्यू पर IPL को एक होल्डिंग कंपनी में तब्दील करना चाहते है। इस बारे में बिन सलमान के सलाहकारों ने भारत सरकार के कुछ अधिकारियों से बात भी की है। क्राउन प्रिंस आईपीएल में 5 बिलियन डॉलर (करीब 41 हजार करोड़ रुपए) का निवेश करना चाहते हैं ताकि लीग को डोमेस्टिक की जगह ग्लोबल क्रिकेट लीग बनाया जा सके। फिलहाल आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स लीग में शुमार हो चुकी है। बीसीसीआई आईपीएल के हर मैच से करीब 118 करोड़ रुपए कमाता है।
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ऐसे बरसता है IPL में पैसा
मीडिया राइट्स- किसी भी आईपीएल मैच के लाइव टेलिकास्ट के अलावा हाइलाइट्स तक सिर्फ वही कंपनी दिखा सकती है, जिसने मीडिया राइट्स हासिल किए हों। इससे ही बीसीसीआई को सबसे ज्यादा कमाई होती है।
टाइटल स्पॉन्सरशिप- यह आईपीएल के जरिए कमाई का बीसीसीआई का दूसरा जरिया है। साल 2008 में खेले गए आईपीएल के पहले सीजन की टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए सालाना 50 करोड़ की रकम बीसीसीआई को मिली थी। जबकि 2023 में ये आंकड़ा सालाना 300 करोड़ रूपए से ज्यादा हो गया है। टाटा कंपनी आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर है और उसने दो साल की डील के लिए बोर्ड को 600 करोड़ रूपए का भुगतान किया है।
फ्रेंचाइजी फीस- कोई भी नई टीम जब IPL का हिस्सा बनती है, तो इसके लिए बीसीसीआई फ्रेंचाइजी फीस वसूलता है। इसके लिए बकायदा बोली लगाई जाती है। जिसमें अलग-अलग कंपनियां या ग्रुप टीम खरीदने के लिए बिडिंग प्रोसेस का हिस्सा बनते हैं। साल 2022 में जब गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपरजायंट्स लीग का हिस्सा बनीं, तो बीसीसीआई के खाते में 12 हजार 500 करोड़ रूपए आए थे।
मीडिया राइटस से भरा बीसीसीआई का खजाना
करीब एक साल पहले बीसीसीआई ने IPL के 2023 से 2027 तक के मीडिया राइट्स 48 हजार 390 करोड़ रुपए में बेचे थे। डिज्नी स्टार ने भारतीय महाद्वीप के टीवी राइट्स को 23,575 करोड़ रुपए में खरीदा। जबकि वायकॉम 18 ने भारतीय महाद्वीप के डिजिटल राइट्स 20,500 करोड़ रुपए में और चुनिंदा 98 मैचों के नॉन एक्सक्लूसिव डिजिटल राइट्स 3,258 करोड़ रुपए में हासिल किए थे।