नई दिल्ली। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने मुंबई के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर अंकित चव्हाण के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। यह फैसला 11 जून को MCA ने शीर्ष परिषद की बैठक लिया है। MCA ने बैठक में फैसला लिया कि बैन झेल रहे क्रिकेटर को एमसीए से उनकी सजा को कम करने के अनुरोध की जगह कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। गौरतलब है कि इंडियन प्रीमियर लीग(IPL) 2013 के स्पॉट फिक्सिंग केस में शामिल पाए जाने के बाद उन पर आजीवन बैन लगा दिया गया था।
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अंकित ने MCA से आजीवन प्रतिबंध को हटाने का किया था अनुरोध
अंकित चव्हाण ने हाल ही में MCA से अनुरोध किया था कि उनका आजीवन प्रतिबंध हटा दिया जाए और उन्हें खेलने की इजाजत दी जाए। राज्य संघ को लिखे एक पत्र में मुंबई के पूर्व स्पिनर ने बताया था कि एस श्रीसंत की तरह उनकी सजा घटाकर सात साल कर दी गई है और उनके पास MCA के लोकपाल का आदेश है।
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अंकित को जाना होगा कोर्ट
शुक्रवार की बैठक में MCA के एक पदाधिकारी ने कहा कि अंकित चव्हाण पर आजीवन बैन BCCI ने लगाया था। BCCI अब इसकी समीक्षा नहीं करना चाहता है। ऐसी नीति उसने मोहम्मद अजहरुद्दीन या मनोज प्रभाकर जैसे पिछले मामलों में भी बनाए रखी है। अंकित को कोर्ट जाना होगा और एक आदेश प्राप्त करना होगा। श्रीसंत को भी कोर्ट से राहत मिली थी।
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अंकित ने मुंबई के लिए खेले हैं 18 प्रथम श्रेणी मैच
35 साल बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर अंकित चव्हाण ने मुंबई के लिए 18 प्रथम श्रेणी मैच खेले है। चव्हाण ने MCA से गुहार लगाई थी कि उनके साथ श्रीसंत का जैसा व्यवहार किया जाए। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने श्रीसंत को ऑफिशियल क्रिकेट खेलने की अनुमति दे दी। चव्हाण ने कहा था कि मुझे अभी तक MCA से कोई संवाद नहीं मिला है। मुझे नहीं पता कि मैं क्या कर सकता हूं।