कुलदीप यादव-यजुवेंद्र चहल ने साझा किए Dhoni के साथ के अनुभव
कहा- हम माही भाई के सैनिकों की तरह, हमेशा रहेगा आदेशों का इंतजार
नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान MS Dhoni के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की संन्यास की घोषणा ने उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने वाले खिलाड़ियों में एक खाली स्थान जरूर छोड़ दिया है। लेकिन, इनमें भी स्पिनर जोड़ी यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव सबसे अधिक खालीपन महसूस कर रहे हैं क्योंकि Dhoni उनके लिए हमेशा दोस्त के साथ ही गाइड और मागदर्शक भी रहे हैं।
वे Dhoni ही थे जिन्होंने विकेट के पीछे से इन दोनों गेंदबाजों को मैदान पर और मैदान से बाहर एक परिपक्व खिलाड़ी बनने में मदद की। Dhoni ने उन्हें वह दिखाया जो वे नहीं देख सकते थे। धोनी ने ही उन्हें उड़ने के लिए पंख दिए और उनमें विश्वास जगाया।
Mahi bhai you have given me and billions of people memories that we can never forget. You’re not just an Inspiration but you’re an emotion felt and dealt by every audience of this game. It was an honour playing alongside you.
Thank you & all the best for your 2nd innings. pic.twitter.com/zlgqhdqapa— Yuzvendra Chahal (@yuzi_chahal) August 15, 2020
Dhoni के रिटारमेंट के बाद भावुक हुए कुलदीप यादव ने उनसे जुड़ी कई बातें साझा की हैं। कुलदीप का कहते हैं कि किसी भी बल्लेबाज का नाम चाहे कितना ही बड़ा हो लेकिन उसके विकेट के पीछे खड़ा आदमी सबसे बड़ा होता है।
कुलदीप कहते हैं कि वे और चहल टीम के उन सैनिकों की तरह रहे हैं जो हमेशा माही भाई के आदेश का इंतजार करते थे। कुलदीप के अनुसार सभी यही मानते थे कि धोनी टी-20 वल्र्ड कप खेलना चाहते थे। लेकिन मैं उन्हें अब भी खेलते हुए देखना चाहता हूं, क्योंकि उनके कारण ही चहल और मैं सफल हो सके हैं।
As MS Dhoni calls it a day on his glorious career, #TeamIndia members recall fond memories and pay their heartfelt tributes to the former captain.
Watch the full video – https://t.co/VLs1CtQ21S
— BCCI (@BCCI) August 17, 2020
कुलदीप के स्पिनर जोड़ीदार चहल का कहना है कि विकेट के पीछे से Dhoni ने उनकी बहुत मदद की। जिसका युवा खिलाड़ी के तौर पर उन्हें बहुत फायदा मिला। अगर धोनी मैदान पर होते हैं, तो हमारा 50 प्रतिशत काम पहले ही हो चुका होता है। Dhoni पिच का मिजाज बहुत अच्छे से समझ जाते हैं। इस कारण हमें पहली बॉल से ही काफी मदद मिलती है। वरना धोनी की गैरमौजूदगी में हमें पिच को समझने के लिए कम से कम दो ओवर बॉलिंग करनी होती है।
उन्होंने कहा कि भारत ने Dhoni के रूप में सर्वश्रेष्ठ और महान खिलाड़ी दिया है। उन्होंने मेरी और कुलदीप की कई मैचों के दौरान मदद की है। कभी-कभी बल्लेबाज मेरे खिलाफ बाउंड्री मार रहे होते हैं और फिर वह (Dhoni) मेरे पास आते थे और मेरे कंधे पर हाथ रखकर मुझे कहते हैं.. गुगली डाल, ये नहीं खेल पाएगा। उनके द्वारा मिलने वाली टिप्स टीम के बहुत काम आती हैं।
जब Dhoni बोले-‘इससे दूर रखना, लेटा कर रखना’।
कुलदीप ने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि बीते साल जनवरी में नागपुर में ऑस्टेलिया के खिलाफ मैच चल रहा था और मैक्सवेल बहुत जर्बदस्त लय में खेल रहे थे। ऑस्ट्रेलिया 28 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 132 रन बना चुकी थी। ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 119 रनों की जरूरत थी। मैक्सवेल आक्रामक रुख अपनाए हुए थे और तभी Dhoni बोले-‘इससे दूर रखना, लेटा कर रखना’।
An experience of a lifetime. Playing with you has been an honour. So many learnings on and off the field.Thank you for all the guidance,you helped me became a better cricketer and improved my game.Cherish all the moments together and will miss you. Best wishes @msdhoni #legend 🙏🏻 pic.twitter.com/NKUxMBSivl
— Kuldeep yadav (@imkuldeep18) August 15, 2020
Dhoni ने कुलदीप को अपना गेम प्लान समझाया और इसके बाद कुलदीप ने लगातार तीन गुगली बॉल डाली। इन्हीं तीन गेंदों में एक स्टंप की अपील भी हुई। इसी तरह अगले ओवर की शुरूआत भी कुलदीप ने गुगली से ही की। तभी कुलदीप ने तीसरी गेंद ‘दूर और लेटा के रखना गेंद’ डाल ही दी। मैक्सवेल ने पुल शॉट खेलना चाहा और यहीं वे चूक गए और अपना विकेट गंवा बैठे।
हमेशा वैसा ही होता था जैसा माही कहते थेः चहल
इसी तरह चहल ने भी एक किस्सा सुनया। चहल ने बताया कि 2018 में भारत दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर था। वनडे मैच सेंचुरियन में खेला जा रहा था। चहल डुमिनी का विकेट लेने की फिराक में थे लेकिन डुमिनी लगातार स्वीप किए जा रहे थे। सिर्फ चहल के खिलाफ ही नहीं बल्कि दूसरे छोर से गेंदबाजी कर रहे कुलदीप को भी डुमिनी लगातार स्वीप कर रहे थे।
तब Dhoni ने कहा कि डुमिनी को विकेट टू विकेट गेंदबाजी करनी चाहिए ताकि अगर वे कोई गेंद मिस करें तो एलबीडब्ल्यू से विकेट लिया जा सके। गौरतलब है कि इस मैच में चहल ने 8.2 ओवर में 22 रन देकर 5 विकेट लिए थे।
और चलते बने डुमिनी
उस वाकये को याद करते हुए चहल बताते है कि मेजबान टीम 5 विकेट के नुकसान पर महज 107 रन बनाते हुए संघर्ष कर रही थी लेकिन डुमिनी मोर्चा संभाले हुए थे। चहल सहित दूसरे गेंदबाज डुमिनी की स्वीप से परेशान थे। तब Dhoni ने चहल को उनके उपनाम से बुलाते हुए कहा-‘तिल्ली..इसको डंडे पर रखना’। इसके बाद चहल ने सिर्फ विकेट टू विकेट गेंदबाजी शुरू की और चहल के सातवें ओवर में डुमिनी अपना विकेट लेग बिफोर के जरिए गंवा बैठे।