नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान (Aus vs Pak) के बीच 3 मार्च से कराची में टेस्ट सीरीज खेली जानी है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पाकिस्तान दौरे पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी देश के दौरे को लेकर चिंतित हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों का डर सता रहा हैं। गत 24 सालों में यह पहली बार है जब ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान का दौरा करने की प्लानिंग कर रहा है।
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खिलाड़ियों की सुरक्षा और भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता-CA
इससे पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA)ने कहा था कि उनके खिलाड़ियों की सुरक्षा और भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता है। बयान में कहा गया कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) दौरे की योजना बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और संबंधित सरकारों के साथ नियमित संपर्क में हैं। बयान में कहा गया कि हम दौरे के लिए व्यापक सुरक्षा, जैव सुरक्षा और संचालन व्यवस्था पर अपने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के साथ नियमित तौर पर चर्चा कर रहे हैं। इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय चयनकर्ता जार्ज बेली ने सुरक्षा योजना को काफी पुख्ता बताया था।
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साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया टीम ने किया था पाकिस्तान का दौरा
इससे पहले 24 साल पहले मार्क टेलर की अगुवाई में साल 1998 में टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था। बेली ने कहा था, ‘मेरा मानना है कि बोर्ड अभी भी दौरे को लेकर कुछ चीजों पर काम कर रहे हैं। इसलिए एक बार जब इसे औपचारिक मंजूरी मिल जाती है तो हम स्क्वाड का ऐलान करेंगे, लेकिन हम सही दिशा में जा रहे हैं।’
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3 मार्च से कराची में शुरू होगी टेस्ट सीरीज
ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम काफी हद तक संतुलित दिखाई दे रही है। एशेज सीरीज में टीम ने इंग्लैंड को 4-0 से शिकस्त दी है। इस दौरान स्काट बोलैंड, ट्रेविस हेड और उस्मान ख्वाजा जैसे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज 3 मार्च से कराची में शुरू होने वाली है। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की सुरक्षा चिंता को लेकर आई इस खबर ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की चिंता बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में सुरक्षा हालात ठीक नहीं हैं। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से स्थिति और खराब हुई है। यही वजह है कि टीमें वहां का दौरा करने से कतराती हैं। पिछले साल न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम सुरक्षा कारणों से दौरे के बीच से ही देश छोड़कर लौट आई थी। इससे पहले साल 2009 में श्रीलंका क्रिकेट टीम के बस पर आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद से लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय टीमों ने वहां का दौरा नहीं किया।