सचिन ने उठाए वन डे के नियमों और पिचों पर सवाल

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कहा, इनमें बदलाव करने की जरूरत

नई दिल्ली । मास्टर ब्लाटर सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर वन डे क्रिकेट में दो गेंदों के प्रयोग पर सवाल उठाया है। सचिन ने क्रिकेट और पिच संबंधित नियमों में बदलाव की पैरवी की है। दरअसल, आईसीसी ने ट्विटर पर एक पोस्ट डालकर सचिन और सौरव गांगुली की बेहतरीन साझेदारियों की यादें ताजा की थीं। इस पोस्ट पर बाद में खुद सचिन और सौरव ने भी अपने-अपने कमेंट किए। बाद में इसमें भज्जी भी शामिल हुए। भज्जी ने अपने तरीके से आईसीसी पर नियमों को लेकर सवाल उठाए तो सचिन ने भज्जी के सवालों पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी।

कई खिलाड़ियों का मानना है कि वनडे में मौजूदा नियम बल्लेबाजों के पक्ष में ज्यादा हैं। इस समय वनडे में एक पारी दो नई गेंदों से खेली जाती हैं। हर छोर से एक अलग गेंद का उपयोग किया जाता है। हर पारी को तीन पॉवरप्ले में बांटा जाता है।

आईसीसी ने मंगलवार को फैंस को भारत की महान सलामी जोड़ी सचिन और सौरभ गांगुली के आंकड़ों के बारे में याद दिलाया। इन दोनों ने वनडे में 176 साझेदारियां की हैं। इस दौरान 47.55 की औसत से दोनों ने कुल 8227 रन बनाए। आईसीसी ने इन दोनों के आंकडे़ अपने ट्विटर पर पोस्ट किया और लिखा, ‘वनडे में किसी और जोड़ी ने 6000 से ज्यादा का आंकड़ा पार नहीं किया है।’

सचिन ने इस ट्वीट पर लिखा कि अगर मौजूदा नियमों के साथ दोनों खेल रहे होते तो इससे भी ज्यादा रन बनाते। सचिन ने ट्वीट किया, ‘इससे पुरानी यादें ताजा हो गई हैं ‘दादी’, आपको क्या लगता है कि अगर हम लोग घेरे के बाहर चार खिलाड़ियों और दो नई गेंदों के साथ खेलते तो कितने और रन बनाते। सचिन पूर्व कप्तान गांगुली को ‘दादी’ बुलाते हैं। गांगुली ने इस पर रिप्लाई में लिखा, ‘4000 और रन… दो नई गेंदें… ऐसा लगता है कि जैसे पहले ओवर में कवर ड्राइव लगाई हो।’

भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह भी इसमें शामिल हुए और उन्होंने लिखा, ‘आराम से कुछ और हजार रन… कितने खराब नियम हैं… बल्ले और गेंद में सुंतलन बनाए रखने के लिए आईसीसी में गेंदबाजों की जरूत है। जब टीम 260/270 बनाती हैं तो मैच ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाता है आज के दौर में हर कोई 320/330 का स्कोर बना रहा है और इतना लक्ष्य हासिल भी कर रहा है।’हरभजन के ट्वीट पर सचिन ने बुधवार को जवाब दिया और लिखा, ‘आपसे सहमत हूं भज्जी। मुझे भी लगता है कि नियम और पिचों पर ध्यान देना चाहिए।’ सचिन लंबे समय से वनडे में दो नई गेंदों के आलोचक रहे हैं। उनका मानना रहा है कि इससे गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग नहीं मिलेगी।

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