Neeraj Chopra को नए कोच की तलाश, बार्टोनिट्ज ने अनुबंध बढ़ाने से किया इनकार

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Neeraj Chopra
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नई दिल्ली। Neeraj Chopra : दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा अपने प्रदर्शन और फॉर्म पर नए सिरे से काम करना चाहते हैं। यही कारण है कि नीरज ने अपने लिए नए कोच की तलाश शुरू कर दी है। उनका मानना है कि उन्हें अपने खेल को और ज्यादा बेहतर करने के लिए एक नए नजरिए की जरूरत है।

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बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ क्लॉस बार्टाेनिट्ज गत 5 साल से Neeraj Chopra के कोच की भूमिका में हैं। बार्टाेनिट्ज ने साथी जर्मन और जेवलिन दिग्गज उवे हॉन की जगह नीरज चोपड़ा के कोच के रूप में पदभार संभाला था। नीरज के साथ उनका पेरिस 2024 ओलंपिक तक फुल-टाइम कॉन्ट्रैक्ट था। अब 75 वर्षीय बार्टाेनिट्ज ने साफ कर दिया है कि वे नीरज के साथ अपने अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाने जा रहे हैं। उन्होंने ही नीरज को यह सुझाव दिया है कि आगामी एथलेटिक्स सीजन से पहले वो एक नया कोच चुनें। अपनी अनुपलब्धता के लिए बार्टोनिट्ज ने स्पष्ट रूप से अपनी उम्र और पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला दिया है।

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बार्टोनिट्ज के साथ Neeraj Chopra की शानदार जुगलबंदी

भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) सूत्रों के अनुसार बार्टाेनिट्ज ने महासंघ को बता दिया है कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिया है और अब समय आ गया है कि नीरज एक (नए) कोच के साथ काम करें जो उनके खेल को और आगे बढ़ा सके। क्लाउस बार्टाेनिट्ज के मार्गदर्शन में नीरज चोपड़ा ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान नीरज ने टोक्यो 2020 में ओलंपिक गोल्ड मेडल, 2022 में डायमंड लीग खिताब और 2023 में विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीते। इसके अलावा चोपड़ा 2024 सीजन में दोहा डायमंड लीग, पेरिस 2024 ओलंपिक, लुसाने डायमंड लीग और ब्रुसेल्स डायमंड लीग फाइनल में दूसरे स्थान पर रहे। हालांकि इस अवधि के दौरान, चोपड़ा 90 मीटर से अधिक थ्रो करने का मुकाम हांसिल नहीं कर पाए।

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90 मीटर का थ्रो अभी बाकी है

Neeraj Chopra का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 89.94 मीटर है, जो दो साल पहले स्टॉकहोम डायमंड लीग में हासिल किया गया था। इस साल 89 मीटर रेंज में तीन थ्रो रिकॉर्ड करने के बावजूद, वे पेरिस ओलंपिक और लुसाने डायमंड लीग में जीत हासिल करने से चूक गए। इस बारे में नीरज ने कहा, ’हम कई बार देखते हैं कि हम एक ही प्लान को फॉलो कर रहे हैं और एक ही एक्सरसाइज कर रहे हैं। मुझे ऐसा लगता है कि मुझे कुछ बदलाव लाना चाहिए। यदि आप एक ही काम कर रहे हैं तो अलग-अलग परिणामों की उम्मीद न करें। अब मुझे लगता है कि मुझे अपना वर्कआउट और अपनी मानसिकता बदलनी होगी। मुझे लगता है कि इससे फर्क पड़ सकता है।’