नई दिल्ली। Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती संघ की रविवार को होने वाली आपात महापरिषद की बैठक रद्द कर दी गई है। यह बैठक अयोध्या में होने वाली थी, जिसमें कुश्ती संघ पर लगे आरोपों सहित कई मामलों पर चर्चा होनी थी। लेकिन अब जानकारी मिली है कि कुश्ती महासंघ ने अगले चार सप्ताह के लिए मीटिंग रद्द कर दी है।
Wrestler Protest: पहलवानों ने खत्म किया धरना , सरकार ने दिया निष्पक्ष जांच का आश्वासन
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर पहलवानों ने मनमाने तरीके से संघ चलाने और महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण करने के आरोप लगाए थे। पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर में तीन दिन तक प्रदर्शन किया। Wrestlers Protest के बाद खेल मंत्रालय ने बृजभूषण सिंह को कुश्ती संघ के कामकाज से दूर रहने के निर्देश दिए हैं। उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच पूरी होने तक वह कुश्ती संघ के कामकाज से दूर रहेंगे। हालांकि, उन्हें उनके पद से हटाया नहीं गया है। जांच में निर्दोष पाए जाने पर वह अपने पद पर बने रहेंगे।
खेल मंत्रालय ने Wrestlers Protest के बाद कुश्ती संघ की सभी गतिविधियों को रद्द करने के आदेश दिए हैं। मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसने डब्ल्यूएफआई को “तत्काल प्रभाव से चल रही सभी गतिविधियों“ को निलंबित करने का निर्देश दिया है, जिसमें यूपी के गोंडा में होने वाला रैंकिंग टूर्नामेंट भी शामिल है, जो महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का गढ़ है।
शरण पर देश के कुछ शीर्ष पहलवानों ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने और तानाशाही करने का आरोप लगाया गया है, जिसमें विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया शामिल हैं। मंत्रालय ने शनिवार को डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर को भी निलंबित कर दिया था, जो पहलवानों के आरोपों पर बयानबाजी कर रहे थे। तोमर ने बृजभूषण सिंह के समर्थन में बयान दिया था। इसके बाद तोमर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया गया, ताकि डब्ल्यूएफआई का कामकाज उचित तरीके से हो और बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच हो सके। शरण के बेटे प्रतीक ने शुक्रवार को कहा था कि खेल संस्था की बैठक के बाद उनके पिता उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बयान जारी करेंगे।