नई दिल्ली। World Wrestling Championship: भारत की महिला रेसलर अंशु मलिक ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप (World Wrestling Championship) में रजत पदक इतिहास रच दिया है। ऐसा करने वाली वो भारत की पहली महिला रेसलर बनी हैं। चैंपियनशिप में अंशु मलिक को पहले क्वार्टर फाइनल में दाएं पैर के टखने में चोट लगी और उसके बाद फाइनल में कंधे में चोट आ गई। अंशु को लगी इन चोटों से उनका परिवार और उनका कोचिंग स्टॉफ परेशान है लेकिन खुद अंशु को इन चोटों की परवाह नहीं है। उन्हें दुख है तो फाइनल में मिली हार का। जिसने उन्हें गोल्ड मैडल से वंचित कर दिया।
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अंशु इस बात से परेशान हैं कि वो अमेरिकी पहलवान को हरा नहीं पाईं। अगर ऐसा होता तो भारत की पहली महिला वर्ल्ड चैंपियन होतीं। अंशु से पहले सिर्फ सुशील कुमार ही भारत के लिए World Wrestling Championship में गोल्ड जीत सके हैं। हालांकि उनका परिवार अब उनकी सेहत के प्रति फिक्रमंद है। उनके पिता धर्मवीर मलिक का कहना है अब उनकी एमआरआई करवाई जाएगी ताकि चोट की वास्तविक स्थिति का पता चल सके। इसके बाद आगे का ईलाज मुंबई में चिकित्सक डॉ. दिनेश पार्डीवाला की देखरेख में करवाने की योजना है।
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कंधे की चोट बड़ी चिंता का कारण
धर्मवीर ने मीडिया को बताया कि फाइनल में बाद जब उन्होंने चोट का हाल जानने के लिए अंशु को फोन किया तो उसे अपनी चोटों की परवाह नहीं थी। वह तो फाइनल की हार को लेकर दुखी थी। धर्मवीर का कहना है कि अंशु जब चैंपियनशिप के लिए गई थीं। उससे पहले उन्हें कोहनी की चोट लगी। उसके बाद क्वार्टर फाइनल और फाइनल में चोट लग गई। यही कारण है कि उन्हें अच्छे विशेषज्ञ से दिखाना जरूरी है। अगले वर्ष एशियाई और राष्ट्रमंडल खेल होने हैं। ऐसे में अंशु का फिट रहना निहायत ही जरूरी है।