नई दिल्ली। WFI Controversy: कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच चल रहे विवाद में सरकार एक्शन मोड में चल रही है। खेल मंत्रालय ने WFI Controversy का निपटारा होने तक कुश्ती महासंघ के कामकाज के संचालन के लिए एक ओवरसाइट समिति का गठन कर दिया गया है। समिति की अध्यक्षता विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम करेंगी। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष अपने पद पर काम नहीं करेंगे। हम विश्व चैंपियन मैरी कॉम की अध्यक्षता में ओवरसाइट कमेटी बना रहे हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कृत तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स सीईओ राजगोपालन, राधा श्रीमन सदस्य होंगे।
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इससे पहले मैरी कॉम को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी अपनी जांच समिति का प्रमुख बनाया था। आईओए ने WFI Controversy की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। आईओए पदाधिकारियों ने पहलवानों के आरोपों को गंभीर मानते हुए सात सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया, जिसमें मैरी कॉम को समिति का चेयरपर्सन चुना गया था।
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क्या है पूरा विवाद?
भारत के 30 से ज्यादा पहलवानों ने बुधवार के दिन दिल्ली के जंतर-मंतर में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था और उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, बृजभूषण ने इस आरोपों को सिरे से खारिज किया और पहलवानों पर आरोप लगा दिए। बृजभूषण के आरोपों का पहलवानों पर कोई असर नहीं पड़ा और प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच खेल मंत्रालय और कुश्ती संघ ने बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। पहलवान अपनी मांग पर अड़े रहे। अंत में पहलवानों के सामने बृजभूषण के दांव पेंच कमजोर पड़ गए और उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया।
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पहले से ही एक्शन में है खेल मंत्रालय
WFI Controversy के दौरान ही खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर को शनिवार (21 जनवरी) को सस्पेंड कर दिया। विनोद तोमर ने उसी दिन सुबह में में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान दिया था। विनोद तोमर का मानना है कि बृजभूषण शरण सिंह ने कोई गलती नहीं की है। उन्होंने कहा था, ’’आरोप निराधार हैं। ऐसा कुछ नहीं है। तीन-चार दिन हो गए हैं और उन्होंने अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया है। मैं पिछले 12 सालों से उनके साथ जुड़ा हुआ हूं और मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा।’’