नई दिल्ली। पहलवान पूजा का Wrestling के प्रति विशेष जज्बा देखने को मिला। वह अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए एशियाई ओलंपिक क्वालिफायर (Asian Olympic Qualifiers) में लड़ रहीं थीं, उधर उसके पिता का देहांत हो गया था। लेकिन एशियाई चैंपियनशिप में पूजा के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़े इसलिए ना तो टीम मैनेजमेंट और ना ही घर वालों ने पूजा को बताया कि बेटी के ओलंपिक क्वालिफाई का सपना देखने वाले पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे।
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पिता के सपने को जरूर पूरा करूंगी
गौरतलब है कि विश्व ओलंपिक क्वालिफायर के लिए शुक्रवार को तड़के सोफिया (बुल्गारिया) रवाना होने से पहले पूजा के मुंह से यही निकला कि इस बार वह पिता के सपने को जरूर पूरा करेंगी, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिल सके।
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ताकि मेडल हासिल कर सकें पूजा
10 अप्रैल 2021 को पूजा अलमाटी (कजाखस्तान) में Asian Olympic Qualifiers में लड़ने जा रही थीं। वहीं हिसार जिले के सिसाई गांव में पूजा के किसान पिता भी इस इंतजार में थे कि उनकी इकलौती बेटी उनका ओलंपियन बेटी कहलाने का सपना पूरा करने को मैट पर उतरने जा रही है। पूजा के अनुसार जिस समय वह मैट पर अलमाटी में 10 अप्रैल को बाउट लड़ रही थीं। उसी दौरान उनके पिता की तनाव के कारण दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। हालांकि टोक्यो का टिकट हासिल करने के लिए उन्हें फाइनल में पहुंचना था, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहीं।
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घर पहुंचने पर पता चला कि पिता इस दुनिया में नहीं रहे
76 किलो भार वर्ग में लड़ने वाली पूजा ने बताया कि कुश्ती संघ और कोच को घर वालों ने इस घटना के बारे में बता दिया, लेकिन यह भी कहा कि पूजा को इस बारे में मत बताना क्योंकि तीन दिन बाद ही Asian Olympic Qualifiers चैंपियनशिप होनी है। इस चैंपियनशिप में पूजा के ब्रॉन्ज मेडल जीतते ही उन्हें सरिता मोर के साथ दिल्ली रवाना कर दिया गया। पूजा ने कहा कि जब वह घर पहुंची, तब उन्हें पता लगा कि उनके पिता इस दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं।
पिता का सपना था पूजा के आगे ओलंपियन लिखा जाए
पूजा ने कहा कि उनके पिता ने कोच संजय सिहाग के संरक्षण में इसलिए दिया था कि एक न एक दिन उनकी बेटी ओलंपिक खेलेगी। उनके गांव में कोई ओलंपियन नहीं है। उनका पिता चाहते थे कि उनकी बेटी के आगे ओलंपियन लिखा जाए। अब उनका यही सपना उन्हें सोफिया में पूरा करना है।