नई दिल्ली। Tokyo Paralympics में ऊंची कूद में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाले एथलीट शरद कुमार को एम्स में भर्ती करवाया गया है। शरद को सीने में जकड़न की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लेकर गए। हालांकि अब शरद बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्हें ऑबजरवेशन में रखा गया है और परीक्षण के नतीजों का इंतजार है।
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गौरतलब है कि शरद कुमार ने Tokyo Paralympics की टी-42 ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। शरद ने एजेंसी से कहा, सीने में जकड़न के बाद मैं चार दिन से यहां भर्ती हूं। अब मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा, प्रत्येक दिन मेडिकल टेस्ट हो रहे हैं और डॉक्टर एक या दो दिन में बताएंगे कि आगे क्या करना है।
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29 साल के इस खिलाड़ी के Tokyo Paralympics इवेंट से ठीक पहले घुटने में चोट लग गई थी। इसके बाद भी शरद ने टी-42 फाइनल में हिस्सा लिया था। उन्होंने बाद में कहा था कि वह प्रतियोगिता से बाहर होने वाले थे लेकिन भाग्य ने उनका साथ दिया। शरद ने 1.83 मीटर के हाई जंप के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया था। बचपन में पोलियो की नकली दवा के कारण शरद के बाएं पैर में लकवा मार गया था। शरद ऊंची कूद में 2014 और 2018 एशियाई पैरा खेलों के चैंपियन भी हैं।
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शनिवार को ही पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया ने शरद को शटलर प्रमोद भगत, शूटर मनीष नरवाल और जेवलिन थ्रोअर सुंदर सिंह के साथ मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड देने के लिए खेल मंत्रालय को अपनी सिफारिश भेजी है।