टोक्यो। नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) के फाइनल में 87.58 मीटर भाला फेंककर गोल्ड मेडल जीत लिया। ओलंपिक इतिहास में भारत का एथलेटिक्स में यह पहला मेडल है। हालांकि नीरज का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं है। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.07 मीटर है, जो उन्होंने इसी साल किया था। नीरज के लिए ओलंपिक गोल्ड जीतना बिल्कुल भी आसान नहीं था। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती जर्मनी के जोहानस वेट्टर (Johannes Vetter) की थी। जिनके लिए 90 मीटर से ऊपर भाला फेंकना आम बात थी।
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वेट्टर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 97.76 मीटर है और उनके इस रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें ओलंपिक गोल्ड का सबसे मजबूत दावेदार भी बताया जा रहा था। 2017 के वर्ल्ड चैंपियन वेट्टर हालांकि इस बार सिर्फ बात फेंकने में रह गए और वहीं नीरज अपने खेल में और सुधार करते हुए भाला फेंक गोल्ड ले गए। नीरज के गोल्ड जीतने के बाद अब जर्मन खिलाड़ी वेट्टर बुरी तरह से ट्रोल हो रहे हैं। दरअसल क्वालिफिकेशन में नीरज पहले प्रयास में 86.65 मीटर भाला फेंककर पहले नंबर पर रहे थे, जबकि वेट्टर ने 85.64 मीटर का थ्रो किया।
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टॉप थ्री में भी नहीं पहुंच पाए वेट्टर
क्वालिफिकेशन के बाद जहां नीरज अपने खेल को और सुधारने में लग गए, तो वहीं वेट्टर बातों से नीरज पर दबाव बनाने की कोशिश करने लगे। फाइनल से पहले वेट्टर ने कहा था कि नीरज अच्छा भाला फेंक सकते हैं, मगर उन्हें मेरी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। उन्हें मुझे हराना मुश्किल होगा।
कई बार 90 मीटर से अधिक भाला फेंक चुके वेट्टर का खेल फाइनल में क्वालिफिकेशन राउंड से भी ज्यादा खराब हो गया और 82.52 मीटर भाला फेंककर पहले तीन थ्रो के बाद ही रेस से बाहर हो गए। वह 9वें स्थान पर रहे थे। जबकि नीरज ने फाइनल में अपने प्रदर्शन को सुधारा था। जीत के बाद नीरज ने कहा भी कि वेट्टर के चैलेंज से उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने अपने खेल से जर्मन खिलाड़ी को जवाब दिया।