नई दिल्ली। Praveen Jadhav Case: जहां एक और टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को देश सिर-आंखों पर उठा रहा है। वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं कि उनके परिवारों को इस माहौल में भी धमकाया जा रहा है। ऐसा ही एक वाकया हुआ है टोक्यो ओलंपिक में बतौर तीरंदाज भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रवीण जाधव (Praveen Jadhav) के परिवार के साथ। परेशान होकर प्रवीण के मा-बांप ने अब गांव छोड़ने तक की बात करनी शुरू कर दी है।
India vs England: भारत को जीत के लिए चाहिए मौसम की भी मेहरबानी
प्रवीण के माता-पिता महाराष्ट्र के सतारा जिले के सराडें गांव में रहते हैं। जहां उनके पड़ोसी उन्हें उनके ही मकान का निर्माण नहीं करने दे रहे हैं और धमका रहे हैं। प्रवीण (Praveen Jadhav) के पिता रमेश जाधव का कहना है कि घर और जमीन उनकी है। वो इस पर निर्माण करना चाहते हैं लेकिन पड़ोसी उन्हें मकान का काम शुरू नहीं करने दे रहे हैं। अगर यही स्थिति रही तो उन्हें मजबूरन गांव छोड़ना पड़ेगा।
क्या है विवाद का कारण
टोक्यो से लौटे प्रवीण जाधव (Praveen Jadhav) ने एक न्यूज एजेंसी को बतया कि उनके माता-पित सेती महामंडल में मजदूर थे। यह महामंडल की जमीन थी, जिसे महामंडल ने उकने माता-पिता को दिया था। लेकिन खराब आर्थिक स्थिति के कारण उस समय इस पर मकान नहीं बनाया जा सका। महामंडल ने मौखिक रूप से यह जमीन उन्हें दी थी, इसका पट्टा नहीं दिया गया था। प्रवीण का कहना है कि उनकी सेना में नौकरी लगने के बाद आर्थिक स्थिति कुछ सुधरी तो उनके परिवार ने इस जमीन मकान बनाना शुरू किया। उस समय दो कमरे बना लिए गए। इस पर किसी ने भी आपत्ति नहीं की। लेकिन बाद में जब उन्होंने बड़ा मकान बनान शुरू कर दिया तो पड़ोसियों ने उनके माता-पिता को धमकाना शुरू कर दिया।
Tokyo Olympics: नीरज पर नोटों की बारिश, सरकार-निजी क्षेत्र से मिले ये शानदार तोहफे
मामला पहुंचा सरकार तक
प्रवीण (Praveen Jadhav) का कहना है कि इतने साल बाद अब पड़ोसी कह रहे हैं कि यह सारी जमीन उनकी है। जबकि पड़ोसियों के कहने पर उन्होंने कुछ जमीन छोड़ने पर सहमति भी दे दी थी लेकिन इसके बाद भी उनके मकान का काम नहीं चलने दिया जा रहा है। इस मामले पर स्थानीय एसडीओ शिवाजी जगताप ने न्यूज एजेंसी को बताया कि जमीन शेती महामंडल की है। जाधव परिवार के मकान के निर्माण पर पड़ोसियों ने आपत्ति की थी। लेकिन मामला शीघ्र ही सुलझा दिया जाएगा।