Australian Open 2023: आखिरी ग्रैंड स्लैम से चूकी सानिया मिर्जा, भरी आंखों से दी मेलबर्न को विदाई

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Australian Open 2023 Stefani, Matos defeat Sania Mirza, Bopanna for mixed title, sania get grand farewell

मेलबर्न। Australian Open 2023: भारतीय टेनिस को नए मुकाम पर ले जाने वाली सानिया मिर्जा अब कभी ग्रैंड स्लैम खेलती हुई नजर नहीं आएंगी। ग्रैंड स्लैम में भारत का झंडा बुलंद करने वाली सानिया ने आज अपना आखिरी ग्रैंड स्लैम खेला। वो अपने इस सफर को खत्म तो इतिहास रचकर करना चाहती थी, मगर आखिरी पलों में वो और उनके जोड़ीदार रोहन बोपन्ना चूक गए।

Australian Open 2023 के फाइनल में भारतीय जोड़ी को स्टेफनी और मातोस की जोड़ी ने 7-6, 6-2 से मात देकर खिताब जीतने का सपना तोड़ दिया और इसी के साथ सानिया की एक आखिरी बार ग्रैंड स्लैम जीतने की ख्वाहिश अधूरी रह गई। 6 बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सानिया जाते जाते अपने ताज में एक और हीरा जडऩा चाहती थी। वो 2 बार ऑस्ट्रेलियन ओपन जीत चुकी हैं। उन्होंने 2009 में यहां पर मिक्स्ड डबल्स और 2016 में विमंस डबल्स का खिताब जीता था। उन्होंने तीसरी बार इस खिताब को अपने नाम करने के लिए पूरा दम भी लगा दिया था, मगर इस बार वो चूक गईं।

पहले सेट में बनाया दबाव, दूसरे में गंवाई लय

ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल की बात करें तो पहले सेट में भारतीय जोड़ी पूरी तरह से हावी थी। पहले सेट में एक समय भारतीय जोड़ी 5-3 से आगे थी, मगर इसके बाद ब्राजीलियन जोड़ी ने जोरदार वापसी की। Australian Open 2023 में दोनों के बीच एक-एक अंक के लिए कड़ा मुकाबला हुआ। 6-6 से स्कोर बराबर होने के बाद टाई ब्रेक में सानिया और रोहन की जोड़ी पिछड़ गई और इसी के साथ पहला सेट भी गंवा दिया। इसका दबाव दूसरे सेट में भी साफ नजर आया और सानिया और रोहन ने 2-6 से दूसरा सेट गंवा दिया। दूसरे सेट में भारतीय जोड़ी ने काफी गलतियां की, जिसका खामियाजा मुकाबला गंवाकर भुगतना पड़ा।

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56 सेकंड में ला दिए करोड़ों आंखों में आंसू, खुद भी फूट-फूटकर रोईं

अधूरी ख्वाहिश और टूटे दिल के साथ जब सानिया Australian Open 2023 रनर अप ट्रॉफी लेने आईं तो 56 सेकंड वो खुद भी रोईं, कोर्ट पर मौजूद हर एक भारतीय दर्शक भी रोया और कोर्ट पर उनके कहे शब्दों को सुनकर देश का हर एक फैन भी रोया। जो टेनिस के शौकीन नहीं थे, वो भी सानिया के आखिरी ग्रैंड स्लैम में गुड बॉय को देखकर अपने आंसू नहीं रोक पाया। रोक भी कैसे पाते, भारत की इस खिलाड़ी ने भारतीय टेनिस को नए मुकाम तक पहुंचाया। दुनिया को दिखाया कि भारतीय खिलाड़ियों  भी ग्रैंड स्लैम जीतने का दम है।

भरे गले से सफर को किया याद

सानिया रनर अप ट्रॉफी लेने के बाद माइक के पास आईं। हर कोई अपनी जगह पर उनके सम्मान में खड़ा हो गया। उन्होंने अपने दिल की बात कहनी शुरू की, वो भी मुस्कुराहट के साथ, मगर कोर्ट छोडऩे का तो दुख था दिल में, जिसे वो मुस्कुराहट के पीछे भी नहीं छिपा पाई और बोलते- बोलते रो पड़ीं। सानिया फूट फूटकर रोईं और भरे गले से ही Australian Open के अपने सफर को याद किया। सानिया ने कहा कि, ‘मैं अभी कुछ टूर्नामेंट और खेलने जा रही हूं, मगर मेरा करियर 2005 में मेलबर्न में शुरू हुआ था, जब मैं 18 साल की थी और सेरेना विलियम्स के खिलाफ खेली। रॉड लेवर एरिना मेरे लिए हमेशा से ही खास रहा है। मेरे आखिरी ग्रैंड स्लैम के लिए इससे बेहतर एरिना नहीं हो सकता है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने बेटे के सामने ग्रैंड स्लैम खेलूंगी।

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