अपने पिता को देते हैं सफलता का श्रेय
नई दिल्ली। 20 टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता रोजर फेडरर अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देते हैं। उनका कहना है कि आज वे सफल हैं लेकिन हमेशा नहीं थे। 16 साल की उम्र में उन्हें पढ़ाई और टेनिस में से एक का चुनाव करना पड़ा। पढ़ाई की व्यस्तता खेल को प्रभावित कर रही थी। उन्होंने टेनिस को चुना और अपने पिता को इस बारे में बताया। पिता ने उन्हें 2 साल का समय दिया और कहा कि अगर फेल हुए तो टेनिस छोड़ना होगा। इसके बाद क्या हुआ यह इतिहास में दर्ज है।
फेडरर अपने करियर में 20 ग्रैंड स्लैम जीत चुके हैं। 8 विंबलडन, 6 ऑस्ट्रेलियन ओपन, 5 यूएस ओपन और एक फ्रेंच ओपन खिताब उनके नाम है। फेडरर के बाद दूसरे नंबर पर 19 खिताब के साथ स्पेन के राफेल नडाल हैं।
फेडरर कहते हैं, ‘‘मेरे पेरेंट्स हर साल मेरी ट्रेनिंग पर लगभग 24 लाख रुपए खर्च करते थे। हालांकि, पेरेंट्स को मेरी योग्यता पर विश्वास नहीं था। उन्हें लगता था कि मेरा प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी बनना मुश्किल है। मैंने उनसे कहा कि मुझ पर विश्वास करें। मैं दो साल के अंदर ही मैं जूनियर में विश्व नबंर-1 बन गया था।’’
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310 सप्ताह नंबर 1 रहे
अपने करियर में 20 ग्रैंड स्लैम विजेता फेडरर 310 हफ्ते तक एटीपी विश्व रैंकिंग में नंबर-1 रहे हैं। इस दौरान वे 237 हफ्ते तक लगातार नंबर-1 रहे, यह एक रिकॉर्ड है। अमेरिका के पूर्व टेनिस स्टार जिमी कॉनोर्स के बाद फेडरर 100 से ज्यादा सिंगल्स टाइटल जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं। साथ ही उन्होंने ओपन ऐरा में 1200 से ज्यादा जीत दर्ज की हैं।
चोट के कारण इस साल कोर्ट से बाहर
फेडरर के दाहिने घुटने की चोट उभर आई है। इस कारण वे इस साल यूएस और फ्रेंच ओपन समेत किसी भी टूर्नामेंट में नहीं खेल सकेंगे। फेडरर ने ट्वीट किया था कि वे 2021 की शुरुआत तक टेनिस से दूर रहेंगे। उन्होंने 100ः तैयार होने के लिए समय मांगा है।