नई दिल्ली। 26 अप्रेल 1989 को केरल के कन्नूर जिले में छोटे से गांव वलाथोड में जन्मी भारतीय एथलीट Tintu Luka आज 33 साल की हो गई हैं। महिलाओं की 800 मीटर रेस में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक लुका ने 2012 और 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
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2015 में एशियाई चैंपियन होने के अलावा Tintu Luka ने भारत के लिए एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कुल छह पदक जीते हैं। उन्होंने 2001 में कोयिलैंडी में पीटी उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स में प्रवेश लिया और अपनी कोच पी टी उषा के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण शुरू किया।
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भारत के लिए जीते हैं रिकॉर्ड 13 मेडल
Tintu Luka ने अब-तक ऐशियन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, ऐशियन गेम्स, एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप और नेशनल गेम्स में भारत के लिए कुल 13 मेडल जीते हैं। जिनमें 5 गोल्ड, 4 रजत और 4 कांस्य पदक शामिल है। उन्होंने अपना पहला गोल्ड मेडल पुणे में आयोजित हुए ऐशियन ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप में 4×400 मीटर रिले में जीता था।
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Tintu Luka ने दो बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक्स में भी हिस्सा लिया था। लेकिन दुर्भाग्य से वे एक भी मेडल देश के लिए नहीं जीत सकीं। उन्होंने 2012 में लंदन ओलंपिक्स और 2016 में ब्राजील ओलंपिक्स में हिस्सा लेकर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। 2012 के लंदन ओमंपिक्स में लुका के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए केरल सरकार ने उन्हें 2,00,000 रुपए से सम्मानित करते हुए राजपत्रित रैंक में नौकरी प्रदान की थी।
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2014 में देश के दूसरे सबसे बड़े खेल सम्मान अर्जुन खेल पुरुस्कार से सम्मानित हुई Tintu Luka पूर्व भारतीय ओलंपियन व उड़न परी के नाम से प्रसिद्ध पी.टी उषा के केरल में स्थित उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स में अब धावकों का प्रशिक्षण लेती हैं ।