जयपुर। क्रीडा भारती : अखिल भारतीय स्तर पर खेलों के माध्यम से चरित्र और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय क्रीडा भारती एक अभिनव प्रयोग करने जा रही है। संस्था द्वारा खेलों से संबंधित विभिन्न विषयों पर देशभर में 100 स्थानों पर प्रसिद्ध खिलाड़ियों एवं खेल संस्थाओं के साथ मिलकर सेमीनार का आयोजन किया जाएगा। इसकी शुरूआत जयपुर से होने जा रही है। जहां रविवार (10 अगस्त) को ’खेल सृष्टि में भारतीय दृष्टि’ विषय पर सेमीनार आयोजित की जा रही है।
राजस्थान विधानासभा के निकट कॉन्स्टिट्यूशनल क्लब में आयोजित इस संगोष्ठी के माध्यम से खेलों में भारत और भारतीय खेलों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
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कार्यक्रम की रूपरेखा:
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मुख्य वक्ता: प्रफुल्ल केतकर, संपादक, Organizer पत्रिका, नई दिल्ली
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मुख्य अतिथि: के. के. विश्नोई — राज्य मंत्री (उद्योग, खेल, युवा और कौशल विकास), राजस्थान सरकार
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विशिष्ट अतिथि: गोपाल सैनी — ओलिंपियन तथा अर्जुन पुरस्कार विजेता, तथा क्रीड़ा भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष
इस संगोष्ठी में अर्जुन एवं महाराणा प्रताप जैसे पुरस्कारों से सम्मानित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, खेल संस्थाओं व तंत्रों के वरिष्ठ पदाधिकारी, शारीरिक शिक्षा से जुड़े प्राध्यापक-शिक्षक, तथा योग-संस्कारों के साधक शामिल होंगे।
क्रीड़ा भारती की गतिविधियां
क्रीडा भारती का लक्ष्य “खेल से निर्माण चरित्र का, चरित्र से निर्माण राष्ट्र का” (Sports for Nation Building) है। इसका उद्देश्य न केवल स्थापित खेलों को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र और परंपरागत भारतीय खेलों की संस्कृति को पुनर्जीवित करना भी है।
यह संस्था अब लगभग 29 राज्यों के लगभग 500 जिलों में सक्रिय है और “क्रीड़ा केंद्र” के माध्यम से स्थानीय स्तर पर खेल एवं योग जैसे कार्यक्रम संचालित करती है। हनुमान जन्मोत्सव, राष्ट्रीय खेल दिवस (29 अगस्त, मेजर ध्यानचंद जयंती), सूर्य नमस्कार शिविर, स्थापना दिवस, क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा, जिजामाता सम्मान जैसी गतिविधियाँ इसका नियमित प्रसंग हैं।
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कबड्डी को ओलंपिक तक पहुंचाने की मुहिम
कबड्डी का खेल भारत में बेहद लोकप्रिय है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम इस खेल की सिरमौर मानी जाती है। लेकिन कबड्डी को ओलंपिक में अभी तक शामिल नहीं किया गया है। अब क्रीडा भारती कबड्डी को ओलंपिक तक पहुंचाने की मुहिम शुरू करने जा रही है।
अर्जुन अवॉर्डी पूर्व ओलंपियन और क्रीडा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल सैनी का मानना है कि 2036 में अगर भारत में ओलिंपिक का आयोजन होता है तो कबड्डी जैसे भारतीय परंपरा के खेलों को इन खेलों में शामिल कराने के प्रयास किए जाएंगे। कबड्डी के अलावा खो-खो और मलखंभ जैसे खेलों को भी दुनियाभर में प्रचलित करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए अगले महीने से देशभर के हर जिले में कबड्डी खेल का आयोजन किया जाएगा। सैनी ने कहा कि क्रीड़ा भारती इन खेलों की अधिक से अधिक प्रतियोगिताएं आयोजित करेगी, ताकि युवा खिलाड़ियों की एक मजबूत पीढ़ी तैयार हो सके।