एक साल में खुलेंगे साई के 100 सेंटर, हर सेंटर को 10 लाख की मदद

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SAI's 100 centers to be opened in a year, each center will get Rs 10 lakh

खेलो इंडिया के तहत तैयार होगा देश का खेल ढांचा
2028 ओलंपिक खेलों को बनाया टारगेट

नई दिल्ली। 2028 ओलंपिक खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। देशभर में अगले एक साल में भारतीय खेल प्राधिकरण, साई के 100 सेंटर खोले जाएंगे। ये सेंटर 100 अलग-अलग जिलों में होंगे। यह उस योजना का हिस्सा है, जिसमें 4 साल में 1000 नए सेंटर बनाए जाने हैं। खेलो इंडिया सेंटर के नाम से बनने वाले इन खेल केंद्रों में जमीनी स्तर पर नई प्रतिभाओं को तराशा जाएगा। साथ ही पूर्व खिलाड़ियों के लिए रोजगार के बेहतर अवसर भी खड़े होंगे।
खेलो इंडिया के तहत इस योजना के लिए साई ने राज्यों से प्रस्ताव मांगे हैं। उसके बाद उनमें से छंटनी कर साई के 100 सेंटर का चयन किया जाएगी। यहां यह बात अहम है कि पूर्व मेडलिस्ट भी ये सेंटर खोल सकते हैं। खेलो इंडिया में पहली प्राथमिकता उन खिलाड़ियों को दी जाएगी, जिन्होंने इंटरनेशल टूर्नामेंट खेला हो और उनकी भागीदारी नेशनल फेडरेशन के माध्यम से हो। दूसरी श्रेणी में सीनियर नेशनल चैंपियनशिप अथा खेलो इंडिया मेडलिस्ट होंगे तथा तीसरे वर्ग में नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स मेडलिस्ट शामिल हैं।

10 लाख रूपए देगी साई

साई पूर्व चैम्पियन खिलाड़ी या कोच को दस लाख रुपए देगी। इसमें एकसाथ पांच लाख रुपए सेंटर खोलने के लिए दिए जाएंगे जबकि दूसरे पांच लाख रुपए अगले चार सालों के लिए दिए जाएंगे। इनमें से खिलाड़ी/कोच अपने सेंटर में जरूरत पड़ने पर तीन लाख रुपए सैलरी तक के असिस्टेंट कोच नियुक्त कर सकता है। शेष दो लाख रुपए की राशि सेंटर के रखरखाव, खेल उपकरण, खेल के आयोजन और खेल किट के लिए खर्च की जाएगी।

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न्यूकमर्स से ले सकते हैं फीस

सेंटर संचालक नए खिलाड़ियों से न्यूनतम फीस भी ले सकता है। चार सालों के बाद पूर्व चैम्पियन खिलाड़ियों की पहचान स्थापित प्रशिक्षक के रूप में हो जाएगी। ऐसे में वे खुद के संसाधनों से केंद्र का संचालन जारी रख सकेंगे। पूर्व खिलाड़ी विकासखंड एवं जिला स्तर पर सरकारी या गैरसरकारी स्कूल, कॉलेज, संस्था व अन्य खेल इंन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें एमओयू साइन करना होगा।

सिर्फ ओलिंपिक खेलों की होगी ट्रेनिंग

नए खोले जा रहे साई के 100 सेंटर में प्रत्येक में सिर्फ एक ही खेल की ट्रेनिंग दी जाएगी। केवल ऐसी संस्था ही 3 खेलों का प्रस्ताव भेज सकती हैं, जो 5 सालों से खेलों के क्षेत्र में काम कर रही है। इन सेंटर में वे 15 खेल होंगे, जो ओलिंपिक में खेले जाते हैं। इनमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, साइक्लिंग, फेंसिंग, हॉकी, जूडो, रोइंग, शूटिंग, स्वीमिंग, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग, कुश्ती, फुटबॉल हैं।

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