जुलाई से ऑस्ट्रेलिया में होगी सीजन की शुरुआत
नई दिल्ली। महज एक साल पहले तक जिन खेलों पर पैसा पानी की तरह बरस रहा था, कोरोना ने उनकी कमर भी तोड़ कर रख दी है विश्व के के सबसे धनी खेलों में से एक और रफ़्तार का पर्याय मानी जाने वाली formula 1 लीग को कोरोना के कारण अभी तक करीब 1500 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा है। मार्च में समाप्त हुई तिमाही में formula 1 को सिर्फ 292 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 85 फ़ीसदी कम है।
formula 1 की पेरेंट कंपनी लिबर्टी मीडिया ने यह जानकारी दी। कंपनी के अनुसार इस दौरान लिबर्टी मीडिया का रेवेन्यू भी 200 मिलियन डॉलर (करीब 1511 करोड़ रु.) घट गया। वहीं, लीग के संचालन का घाटा भी पिछले साल के 47 मिलियन डॉलर (352 करोड़ रुपए) से बढ़कर 137 मिलियन डॉलर (1027 करोड़ रुपए) हो गया। दरअसल, कोरोना महामारी के कारण मार्च के अंत में ही पूरे संसार में खेल गतिविधियों को बंद कर दिया गया था। लीग का सीजन भी इस साल सीजन शुरू नहीं हो पाया। 10 रेस या तो रद्द या स्थगित कर दी गई हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी अब इस बात की सम्भावना है की 5 जुलाई को ऑस्ट्रिया से इस लीग का सीजन शुरू होगा।
दिसंबर तक 15 से 18 रेस कराने का लक्ष्य
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा- हमें जुलाई से formula 1 रेस शुरू होने की उम्मीद है। इसे हम दिसंबर तक जारी रहेंगे। इस दौरान हमारा लक्ष्य 15 से 18 रेस कराना है। हालांकि, इस दौरान दर्शक मौजूद रहेंगे या नहीं, फिलहाल ये तय नहीं हो पाया है। अमेरिकी अरबपति जॉन मालोन के स्वामित्व वाले लिबर्टी मीडिया के पास 2017 से formula 1 का मालिकाना हक है। कंपनी की कमाई का बड़ा हिस्सा ग्रां प्री रेस के आयोजकों द्वारा चुकाई गई फीस, ब्रॉडकास्टर्स और स्पॉन्सरशिप से आता है। लेकिन कोरोना की वजह से एफ-वन रेस पूरी तरह बंद है। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट से बंधे होने की वजह से इस अमेरिकन ग्रुप को अलग-अलग टीमों को 1.5 बिलियन डॉलर की राशि देनी पड़ी।