भुवनेश्वर। FIFA U-17 WC: भारतीय महिला फुटबॉल टीम FIFA U-17 WC में ब्राजील के खिलाफ 0-5 से हार झेलनी पड़ी। वह टूर्नामेंट में अपने सफर का अंत जीत के साथ नहीं कर पाई। मेजबान होने के कारण भारत को इस प्रतियोगिता में खेलने का मौका मिला था। ग्रुप-ए के अपने पहले मैच में उसे अमेरिका के खिलाफ 0-8 और दूसरे मैच में मोरक्को के खिलाफ 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था।
FULL TIME! Our #U17WWC campaign draws to a close with a defeat against Brazil.
FT Score: 🇧🇷 5-0 🇮🇳#BRAIND ⚔️ #BackTheBlue 💙 #ShePower 👧 #IndianFootball ⚽ pic.twitter.com/MuqQ7WfxbC
— Indian Football Team (@IndianFootball) October 17, 2022
FIFA U-17 WC के मैच में भारतीय अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम टूर्नामेंट में एक भी गोल नहीं कर सकी। उसने तीन मैच में कुल 16 गोल खाये। वह बिना किसी अंक के चार टीमों के ग्रुप में अंतिम स्थान पर रही। इस ग्रुप से ब्राजील और अमेरिका ने क्वार्टरफाइनल में अपना स्थान पक्का किया। सोमवार को ही मडगांव में अमेरिका ने मोरक्को को 4-0 से हराया। ब्राजील और अमेरिका ने दो जीत और एक ड्रॉ के साथ सात-सात अंक हासिल किए। दोनों के बीच 14 अक्तूबर को हुआ मुकाबला 1-1 की बराबरी पर छूटा था।
India 🇮🇳 bow out of FIFA U-17 Women’s WC after Brazil 🇧🇷 defeat
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ब्राजील के अटैक ने भारतीय डिफेंस को जमकर छकाया
FIFA U-17 WC के मैच में अपनी तेजी और छकाने की काबिलियत ने भारतीय डिफेंस को लगातार परेशान करने वाली एलिन (40वें और 51वें मिनट) ने ब्राजील की ओर से दो गोल दागे। उनके अलावा स्थानापन्न खिलाड़ी लॉरा (86वें और 90+3 मिनट) ने भी दो गोल किए। इससे पहले गेबी बर्चोन ने दक्षिण अमेरिकी चैंपियन टीम को 11वें मिनट में 1-0 से बढ़त दिलाई थी। ब्राजील ने मैच में शुरू से ही दबदबा बनाया और अधिक समय गेंद को अपने कब्जे में रखा। भारत गोल की तरफ एक ही शॉट लगा पाया जबकि ब्राजील ने एक दर्जन से अधिक शॉट मारे।
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हालांकि भारतीय टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इस मैच में दिखा
FIFA U-17 WC के मैच में भारतीय टीम के पास खोने के लिए कुछ नहीं था और टीम प्रतिष्ठा बचाने के लिए खेल रही थी। मेजबान टीम ने संभवत: टूर्नामेंट का अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उन्हें श्रेय जाता है कि मैच पूरी तरह से एकतरफा नहीं था जिसकी अमेरिका के खिलाफ करारी हार के बाद आशंका थी। भारतीय खिलाडिय़ों ने शारीरिक और तकनीकी रूप से अपने से कहीं अधिक श्रेष्ठ विरोधियों के कड़ी टक्कर देने की कोशिश की। हालांकि मुकाबले में भारतीय टीम की रक्षात्मक कमियां उजागर हुईं और उसके खिलाड़ी अच्छी तरह पास भी नहीं दे पाए।