नई दिल्ली। मिस्र की पहली महिला बॉक्सिंग (Boxing) कोच सबा सक्र( Sabah Saqr) पुरुषों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दे रही हैं। सबा के लिए ये सफर मुश्किलों भरा रहा है। इसके लिए उन्हें आलोचना झेलनी पड़ी। गौरतलब है कि मिस्र में महिलाओं को आजादी नहीं है। इसके वाबजूद वह बॉक्सर बनीं और अब पुरुषों को कोचिंग दे रही हैं।
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युवाओं को ट्रेनिंग दे रही हैं Sabah Saqr
मिस्र के शहर बेनी सुएफ में सप्ताह में सिर्फ दो बार एक छोटे से कमरे का जिम खुला दिखता है। यहां Sabah Saqr 18 से 30 साल के 20 से ज्यादा युवाओं को बॉक्सिंग सिखाती हैं। देश की राजधानी काहिरा में महिलाओं को काम करने पर पाबंदी है, लेकिन राजधानी से 100 किमी दूर स्थित इस कृषि प्रधान इलाके में सबा यह सेंटर बखूबी चला रही हैं। वह मिस्र के परंपरावादी और सामाजिक पाबंदियों वाले समाज में युवाओं को ट्रेनिंग दे रही हैं।
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Sabah Saqr ने इनामी का राशि के खरीदा सामान
Sabah Saqr मिस्र की पहली महिला बॉक्सिंग कोच भी हैं। सबा बताती हैं, पहले-पहले ये किसी को मंजूर नहीं था। मिस्र में महिलाओं को ऐसे किसी खेल का कोच बनना स्वीकार्य नहीं है। लेकिन बाद में मेरी लगन और मेहनत देख सब मान गए। सबा के अनुसार, मैंने एक छोटा-सा कमरा किराए पर लेकर यह जिम शुरू किया था। धीरे-धीरे यहीं सारा सामान जुटाया। इनाम में मिली रकम का काफी हिस्सा मैंने इस जिम में लगाया है। वहीं सबा से ट्रेनिंग ले चुके अम्र सलाह इल्दिन कहते हैं- बेनी सुएफ में कोच की कमी और सबा का अनुभव व योग्यता ने मुझे मजबूर किया कि मैं उन्हीं से ट्रेनिंग लूं।
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10 से ज्यादा पदक जीत चुकी है सबा
दो साल में 10 से ज्यादा पदक और कई चैंपियनशिप जीत चुकी सबा कहती हैं, मैं बॉक्सिंग में नहीं आना चाहती थी लेकिन मेरे कोच ने मेरी ताकत और ऊर्जा देखकर मुझे इस खेल के लिए चुना। इसके बाद उन्होंने कोचिंग देनी शुरू की।