Rohit Sharma से इस कारण छीनी वनडे की कप्तानी, ये रहे 5 बड़े कारण

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why was Rohit Sharma stripped of the ODI captaincy, 5 big reasons, latest cricket news
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मुंबई। Rohit Sharma ने बतौर कप्तान भारत को दो आईसीसी खिताब और दो एशिया कप जिताए, फिर भी उन्हें 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक कप्तानी जारी रखने का मौका नहीं दिया गया। अब सवाल उठता है कि आखिर इतने सफल कप्तान को अचानक क्यों हटाया गया? मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पांच प्रमुख कारण सामने आते हैं, जो इस निर्णय के पीछे की तस्वीर साफ करते हैं।

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कारण 1: 2027 वनडे वर्ल्ड कप अभी दूर, भविष्य की सोच

2027 वनडे वर्ल्ड कप अभी करीब दो साल दूर है और यह टूर्नामेंट अफ्रीका में अक्टूबर-नवंबर में खेला जाएगा। अगरकर के अनुसार, टीम मैनेजमेंट को लगा कि यही सही समय है जब नए कप्तान को तैयार किया जाए। शुभमन गिल को कप्तान बनाकर उन्हें अगले दो सालों में टीम को संभालने और बड़े टूर्नामेंट के दबाव में खेलने का अनुभव दिया जाएगा।

गौरतलब है कि गिल को Rohit Sharma के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद इस साल मई में टेस्ट टीम की कमान भी सौंपी गई थी। इंग्लैंड के खिलाफ उनकी कप्तानी में भारत ने पांच टेस्ट की सीरीज 2-2 से ड्रॉ कराई और अब वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। चयनकर्ताओं ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए गिल को कप्तानी दी है, वहीं श्रेयस अय्यर को उपकप्तान बनाया गया है।

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कारण 2: घरेलू क्रिकेट से दूरी

रोहित शर्मा 2013 से पहले तक घरेलू क्रिकेट में नियमित रूप से खेलते थे, लेकिन उसके बाद उनका रुझान घटता गया। उन्होंने आखिरी बार 2018 में विजय हजारे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में मुंबई की ओर से लिस्ट-ए मुकाबला खेला था। तब से वे घरेलू क्रिकेट से पूरी तरह दूर हैं।

सेलेक्शन कमेटी पहले भी यह साफ कर चुकी है कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाए रखने के लिए खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में सक्रिय रहना जरूरी है। ऐसे में Rohit Sharma का घरेलू क्रिकेट से दूर रहना उनके खिलाफ गया।

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कारण 3: उम्र का असर और फिटनेस की चुनौती

Rohit Sharma अब 38 वर्ष के हो चुके हैं। उन्होंने 37 की उम्र में टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी जिताई थी। भारतीय क्रिकेट इतिहास में अब तक सिर्फ पांच खिलाड़ी ही 38 साल की उम्र के बाद वनडे खेले हैं, जिनमें मोहिंदर अमरनाथ अकेले ऐसे रहे जिन्होंने 39 साल की उम्र तक खेला।

टीम इंडिया अब फिटनेस और फील्डिंग को प्राथमिकता देती है, इसलिए उम्रदराज खिलाड़ियों को सीमित अवसर मिलते हैं। सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, राहुल द्रविड़ और सुनील गावस्कर ने भी 38 की उम्र तक ही वनडे खेले। अगर रोहित 2027 वर्ल्ड कप तक खेलते हैं तो वे 40 साल के हो जाएंगे — यानी भारत के सबसे उम्रदराज वनडे खिलाड़ी। सवाल यही है कि क्या वे तब तक फिटनेस और प्रदर्शन का वही स्तर बनाए रख पाएंगे?

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कारण 4: तीनों फॉर्मेट के लिए अलग कप्तान नहीं चाहता बोर्ड

अजीत अगरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि तीन फॉर्मेट्स के लिए तीन कप्तान रखना व्यावहारिक नहीं है। फिलहाल शुभमन गिल टेस्ट टीम की कप्तानी कर रहे हैं और सूर्यकुमार यादव टी20 टीम के कप्तान हैं।

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अगर Rohit Sharma वनडे की कमान संभालते रहते, तो तीनों फॉर्मेट्स में भारत के कप्तान अलग होते। इसी वजह से गिल को वनडे कप्तानी भी दी गई है। माना जा रहा है कि भविष्य में वे तीनों फॉर्मेट के स्थायी कप्तान बन सकते हैं।

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कारण 5: तैयार हैं रोहित के युवा उत्तराधिकारी

Rohit Sharma ने पिछले दो वर्षों में अपनी बल्लेबाजी की रणनीति बदली। अब वे शुरुआत से आक्रामक खेल पर ध्यान देते हैं ताकि टीम को तेज शुरुआत मिल सके। हालांकि, इस बदलाव के चलते वे बड़ी पारियां कम खेल पाए हैं। 2023 से अब तक 22 पारियों में उन्होंने 3 ही शतक लगाए हैं, जबकि 21 पारियों में उनका स्ट्राइक रेट 100 से ऊपर रहा है।

अब टीम मैनेजमेंट के पास यशस्वी जायसवाल, अभिषेक शर्मा और ऋतुराज गायकवाड़ जैसे युवा ओपनर्स हैं जो रोहित की भूमिका निभा सकते हैं। यशस्वी को तो ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी चुना गया है। यानी अगर रोहित का फॉर्म गिरा तो उन्हें आराम देकर इन युवाओं को मौका दिया जा सकता है।

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