T20 World Cup 2021 में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के ये हैं प्रमुख कारण 

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नई दिल्ली। टीम इंडिया ने ICC T20 World Cup 2021 का आगाज खिताबी दावेदारों के रूप में हुआ था। भारत ने अपने पहले अभ्यास मैच में इंग्लैंड और दूसरे अभ्यास मैच में आस्ट्रेलिया को शिकस्त देकर अपना अभियान शुरू किया था।  हालांकि, जब भारत का सामना पाकिस्तान से सुपर 12 के अपने पहले मैच में हुआ तो उसे हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम मैनेजमेंट जिस गेंदबाजी इकाई का दंभ भरता था, उस गेंदबाजी इकाई ने पाकिस्तान के खिलाफ एक भी विकेट नहीं लिया, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ जसप्रीत बुमराह एकमात्र गेंदबाज थे, जो दो विकेट लेने में सफल रहे थे।

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जो मैच जीते उनसे नहीं बनी बात 

हालांकि, अफगानिस्तान और स्कॉटलैंड को भारत ने एकतरफा मैच में परास्त किया, लेकिन ये जीत भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने के लिए काफी नहीं थी। भारत को पहले नामीबिया, फिर स्कॉटलैंड और फिर अफगानिस्तान से उम्मीद थी कि कोई न कोई न्यूजीलैंड को हरा देगा तो उनका काम बना जाएगा, लेकिन ऐसा हो नहीं सका और टीम इंडिया टूर्नामेंट से बाहर हो गई।इसके अलावा भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन के ये प्रमुख् कारण रहे।

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दो महत्वपूर्ण मैचों में से एक भी नहीं जीत पाया भारत

T20 World Cup 2021 में पाकिस्तान ने चैंपियनों की तरह खेल की शुरुआत की और अपने पहले मैच में भारत को 10 विकेट सें करारी शिकस्त दी। इसके बाद न्यूजीलैंड ने भी भारत को 8 विकेट से परास्त कर दिया। वहीं, न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान से हारने के बाद बाकी सभी मैचों में दबदबे वाला प्रदर्शन करके अपनी जगह सेमीफाइनल में पक्की की। भारत को इन दोनों में से एक मैच जीतने की जरूरत थी, जो हो नहीं सका और फिर टीम दूसरे के भरोसे रही।

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बायें हाथ के फास्ट बॉलर की कमी खली 

यूएई और ओमान में जारी T20 World Cup 2021  बायें हाथ के बॉलर्स ने शानदार प्रदर्शन किया। ग्रुप-2 में शाहीन अफरीदी और ट्रेंट बोल्ट ने भारत को खूब परेशान किया। वहीं, ग्रुप 1 में मिचेल स्टार्क जैसे गेंदबाजों का दबदबा देखने को मिला। वहीं, भारत के पास बायें हाथ का कोई गेंदबाज नहीं था। ऐसा भी नहीं है कि भारत में बायें हाथ के तेज गेंदबाज नहीं है, बल्कि उनको अवसर नहीं दिया गया।

पाकिस्तान के खिलाफ गेंदबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन 

पाकिस्तान के खिलाफ मैच में बल्लेबाजों ने थोड़ी बहुत नाक बचाई, लेकिन गेंदबाजों का प्रदर्शन लचर ही रहा। वहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ बल्लेबाज और गेंदबाजों ने मिलकर नाक कटाई और टीम को 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी। इन दोनों मैचों में टीम की चाल-ढाल ही जीतने वाली नहीं लग रही थी।

वरुण का अनुभवहीन होना बना बाधा  

मिस्ट्री गेंदबाज वरुण चक्रवर्ती पर जरूरत से ज्यादा भरोसा किया गया। पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ वे विकेट तक नहीं चटका सके, जबकि अफगानिस्तान के खिलाफ उनको बाहर कर दिया गया और फिर स्कॉटलैंड के खिलाफ उनको मौका मिला तो वे फिर से विकेट का खाता नहीं खोल सके। अंतरराष्ट्रीय मैचों को खेलने का अनुभव नहीं होना उनके अच्छे प्रदर्शन में बाधा बना।

टीम सलेक्शन सही नहीं

पाकिस्तान और न्यूजीलैंड जैसी दिग्गज टीमों के खिलाफ भारतीय टीम का सही चयन भी इस मेगा इवेंट में भारत की उम्मीदों को तोड़ने की प्रमुख वजह बनी।पहले दो मैचों में अपने सबसे अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का नहीं खिलाना टीम के लिए खलने वाला रहा। उन्होंने अगले दो मैचों में साबित कर दिया कि वे अपने अनुभव से किसी भी टीम के खिलाफ विकेट चटका सकते हैं या एक छोर से दबाव बना सकते हैं।

लगातार टॉस हारना भी प्रमुख कारण 

विराट कोहली इस टूर्नामेंट में भाग्यशाली नहीं रहे। अक्सर उनके साथ ऐसा होता है कि वे टॉस नहीं जीतते। ऐसा ही कुछ T20 World Cup 2021  में भी देखने को मिला, जब वे शुरुआत के तीन टॉस हार गए। दुबई में दूसरी पारी में ओस गिरती है इसलिए टॉस की भूमिका अहम होती है। बाबर आजम और केन विलियमसन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी ली और भारत की कमर तोड़ दी। भारतीय गेंदबाज ओस में विकेट लेने को तरसते रहे।

खिलाड़ियों को आराम नहीं मिला 

आइपीएल का 2021 का सत्र वैसे तो मई में समाप्त हो जाता, लेकिन कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दिया गया और बीसीसीआइ ने टी20 विश्व कप से ठीक पहले यूएई में आयोजित कराया और आइपीएल के ठीक बाद भारतीय खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में खेलना पड़ा। लगातार बायो-बबल में रहना और दो टूर्नामेंट के बीच में अंतर नहीं होने से भी क्रिकेटरों को समस्या हुई।

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