नई दिल्ली। Team India को जल्द ही नया बैटिंग कोच मिलने वाला है। बीसीसीआई टीम के कोचिंग स्टॉफ में नए सदस्य को शामिल करने पर विचार कर रहा है। इस संबंध में बोर्ड की मीटिंग में चर्चा भी की गई लेकिन नाम की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। इसके अलावा टीम इंडिया के खिलाड़ियों की फिटनेस सुधारने के लिए यो-यो टेस्ट फिर से लागू करने की भी तैयारी है। टीम में चयन के लिए आने वाले दिनों में ये टेस्ट जरूरी किया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि 11 जनवरी को मुंबई में हुई रिव्यू मीटिंग में Team India के लिए कोचिंग स्टाफ की भूमिका पर चर्चा की गई। इसमें एक और बैटिंग कोच के जोड़ने पर बात हुई। कुछ नामों पर विचार किया जा रहा है, जिसमें घरेलू क्रिकेट के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी भी शामिल हैं। हालांकि, अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। फिलहाल, भारत के कोचिंग स्टाफ में मुख्य कोच गौतम गंभीर के अलावा मोर्ने मोर्कल (गेंदबाजी कोच), अभिषेक नायर (असिस्टेंट कोच), रेयान टेन डोशेट (असिस्टेंट कोच) और टी दिलीप (फील्डिंग कोच) शामिल हैं।
Champions Trophy 2025 : टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में टॉप 8 तय, बुमराह पर संशय
ऑस्ट्रेलिया सीरीज में हार के बाद झेली आलोचना
भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद कोचिंग स्टाफ की कड़ी आलोचना हुई है। खास तौर पर विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों के एक ही तरह आउट होने के बाद कोचिंग स्टाफ पर सवाल उठे। पांच मैच की सीरीज में कोहली आठ पारी में ऑफ स्टंप की बाहरी बॉल पर आउट हुए। वहीं कप्तान रोहित शर्मा तीम मैचों में केवल 31 रन ही बना सके।
Champions Trophy 2025 का टिकट सिर्फ 310 रुपए में, लीक हुई PCB की लिस्ट
Team India के लिए जरूरी होगा यो-यो टेस्ट!
Team India पिछले कई महीनों से फिटनेस की समस्या से जूझ रही है। टीम के अहम खिलाड़ियों के चोटिल होने से बोर्ड की परेशानी बढ़ रही है। यही कारण है कि बीसीसीआई फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए यो-यो टेस्ट को वापस लाने पर विचार कर रहा है। यो-यो टेस्ट को चोटों की संख्या को कम करने के लिए हटा दिया गया था।
Vijay Hazare Trophy : फाइनल में कर्नाटक, देवदत्त पडिक्कल की शानदार पारी
क्या होता है यो-यो टेस्ट
– यो-यो टेस्ट बीप टेस्ट जैसा होता है। यह एक रनिंग टेस्ट होता है जिसमें दो सेटों के बीच दौड़ लगानी होती है।
– दो सेटों के बीच की दूरी 20 मीटर होती है। यह करीब-करीब क्रिकेट पिच की लंबाई के बराबर है।
– इस दौरान खिलाड़ियों को एक सेट से दूसरे सेट तक दौड़ना होता है और फिर दूसरे सेट से पहले सेट तक आना होता है।
IND-W vs IRE-W : तीसरे वनडे में भारतीय महिला टीम की सबसे बड़ी जीत, आयरलैंड का 3-0 से सफाया
– एक बार इस दूरी को तय करने पर एक शटल पूरा होता है।
– टेस्ट की शुरुआत पांचवें लेवल से होती है। यह 23वें लेवल तक चलता रहता है।
– हर एक शटल के बाद दौड़ने का समय कम होते रहता है, लेकिन दूरी में कमी नहीं होती है।
– भारतीय खिलाड़ियों के यो-यो टेस्ट में 23 में से 16.5 स्कोर लाना होता है।
– पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच शंकर बसु ने 2017 में भारत के श्रीलंका दौरे से पहले नेशनल टीम में यो-यो टेस्ट की शुरुआत की थी।