मुंबई। Shreyas-Ishan: भारतीय क्रिकेटर श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सालाना कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया है। दोनों ही बीते कुछ साल से वाइट बॉल फॉर्मेट में टीम इंडिया का परमानेंट हिस्सा बन चुके थे। श्रेयस अय्यर तो ऑल फॉर्मेट प्लेयर थे। दोनों के भीतर टैलेंट की भी कोई कमी नहीं है, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट न मिलने के पीछे सबसे बड़ी वजह दोनों क्रिकेटर्स की नाफरमानी है, जो उन्होंने नेशनल टीम के साथ खेलने पर दिखाई। ईशान किशन ने निजी कारणों से खुद को साउथ अफ्रीकी दौरे से दूर कर लिया था और हाल ही में डीवाई पाटिल टी-20 टूर्नामेंट में वापसी की। दूसरी ओर, अय्यर को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) ने फिट घोषित किया था, लेकिन बाद के मैचों में वह भारत या मुंबई के लिए नहीं खेले।
Shreyas Iyer and Ishan Kishan miss out as India announce their annual player retainership.
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— ICC (@ICC) February 29, 2024
हालांकि इन शर्तों के बाद अब भी मिल सकता है कॉन्ट्रैक्ट
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि चयनकर्ताओं को Shreyas-Ishan की क्षमताओं पर कोई संदेह नहीं है। हालांकि, अगर एनसीए उन्हें फिट मानता है लेकिन वे खुद को टेस्ट सीरीज के लिए अनुपलब्ध कराते हैं तो बीसीसीआई उन्हें अनुबंध नहीं दे सकता है। अगर उन्हें आईपीएल के बाद शानदार प्रदर्शन के बूते टीम में चुना जाता है और वो प्रो-राटा अनुबंध के सारे मानदंडों (निश्चित समय सीमा के भीतर तीन टेस्ट, 8 वनडे और 10 टी-20 खेलना) को पूरा करते हैं, तो उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में शामिल कर लिया जाएगा।
टीम इंडिया के दरवाजे नहीं हुए है बंद
सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में शामिल होने वाले खिलाडिय़ों को बीसीसीआई सालाना एक फिक्स सैलरी देती है। इसके अलावा उन्हें मैच के हिसाब से फीस मिलती है। लेकिन कॉन्ट्रेक्ट में शामिल ना होने वाले खिलाडिय़ों को सिर्फ मैच फीस ही मिलेगी। यानी, कॉन्ट्रेक्ट से बाहर होने वाले खिलाड़ी टीम इंडिया से बाहर नहीं होते हैं। वो इंडिया के लिए कभी भी खेल सकते हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ मैच फीस मिलेगी। बता दें कि ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो बिना सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट के बाद भी टीम इंडिया के लिए खेलते हैं। ऐसे में ये तो साफ है कि सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट न होने के बावजूद भी Shreyas-Ishan भारत के लिए खेल सकते हैं।