मुंबई। Sachin Tendulkar: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर सोश्यल मीडिया पर सोमवार को अपने फैंस के सवालों के जवाब देते नजर आए। रेडिट पर सचिन तेंदुलकर ने एक दर्जन से ज्यादा सवालों के जवाब दिए। इसी दौरान सचिन ने खुलासा किया कि वह क्रिकेट के एक नियम में बदलाव चाहते हैं, जो एलबीडब्ल्यू से जुड़ा है। तेंदुलकर ने कहा कि वह संभवत: अंपायर्स कॉल को हटाना पसंद करेंगे। तेंदुलकर का मानना है कि खिलाड़ी मैदानी अंपायर के मूल फैसले से नाखुश होने के कारण डीआरएस के लिए ऊपर इसलिए जाते हैं, क्योंकि उनको लगता है कि अंपायर का फैसला सही नहीं है।
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— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) August 25, 2025
फैंस के सवालों का जवाब दे रहे थे सचिन
Sachin Tendulkar ने एक फैन के सवाल का जवाब दिया, जो उनसे पूछा गया था कि क्रिकेट के किस नियम में आप बदलाव चाहते हैं? इस पर सचिन बोले, ‘मैं अंपायर्स कॉल पर डीआरएस नियम बदल दूंगा। खिलाडिय़ों ने ऊपर जाने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि वे मैदानी अंपायर के फैसले से नाखुश थे। इसलिए उस फैसले पर वापस जाने का कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। जिस तरह खिलाडिय़ों के खराब दौर आते हैं, उसी तरह अंपायरों के भी खराब दौर आते हैं। टेक्नोलॉजी गलत होने पर भी लगातार गलत ही रहेगी।
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अंपायर्स कॉल को खत्म करने की कही बात
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100 शतक इंटरनेशनल क्रिकेट में जडऩे वाले Sachin Tendulkar ने पहली बार अंपायर्स कॉल को लेकर बात नहीं की है। उन्होंने 2020 में भी अंपायर्स कॉल को खत्म करने की वकालत की थी। तब उन्होंने कहा था कि अगर डीआरएस में बॉल-ट्रैकिंग सेक्शन के दौरान गेंद स्टंप्स से थोड़ी सी भी टकरा रही है, तो उसे आउट दे दिया जाना चाहिए। अभी तक होता ये आ रहा है कि अंपायर ने अगर नॉट आउट दिया है और गेंद का 50 फीसदी हिस्सा भी स्टंप्स पर लग रहा है तो उसे नॉट आउट दिया जाएगा। अगर अंपायर ने आउट दिया है और गेंद एक फीसदी भी स्टंप्स पर लग रही है तो भी उसे आउट ही माना जाएगा। डीआरएस में अंपायर्स कॉल बेनेफिट ऑफ डाउट वाले सिद्धांत पर चल रही है।
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इस मुद्दे पर पहले भी बोलते रहे हैं सचिन
वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा के साथ एक वीडियो चैट में Sachin Tendulkar ने कहा था, ‘एक बात जिससे मैं सहमत नहीं हूं, वह है आईसीसी का डीआरएस, जिसका इस्तेमाल वे काफी समय से कर रहे हैं। एलबीडब्ल्यू के मामले में, मैदान पर लिए गए फैसले को पलटने के लिए गेंद का 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा स्टंप्स पर लगना जरूरी है। वे (बल्लेबाज या गेंदबाज) सिर्फ इसलिए ऊपर जाते हैं, क्योंकि वे मैदान पर लिए गए फैसले से नाखुश होते है, इसलिए जब फैसला तीसरे अंपायर के पास जाए, तो टेक्नोलॉजी को अपना काम करने दें; बिल्कुल टेनिस की तरह, या तो इन या आउट, बीच में कुछ नहीं होता।