विकास शर्मा
9 जून, 2024 को बारबाडोस के मैदान पर Rohit Sharma ने जब टी20 वर्ल्ड कप 2024 की ट्रॉफी उठाई तो हर कोई उनका मुरीद था। आखिर हो भी क्यों ना… भारत ने 11 साल के अंतराल के बाद अपने खिताबी सूखे को खत्म किया था। वर्ल्ड कप जीतकर रोहित हीरो बन चुके थे। टीम इंडिया में रोहित की अहमियत पहले भी कम नहीं थी लेकिन इस वर्ल्ड कप ने उन्हें वो सब दिया, जिसकी उम्मीद कोई खिलाड़ी करता है।
रोहित की ही कप्तानी में टीम इंडिया जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए ODI World Cup 2023 के फाइनल में पहुंची। हालांकि खिताब से चूक गई लेकिन हिसाब T20 World Cup 2024 में चुका दिया। टी20 वर्ल्ड कप के बाद निशाने पर थी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप। भारत ने इस चैंपियनशिप के पिछले दो फाइनल खेले लेकिन खिताब नहीं जीत सकी। 2024-25 के सत्र में भी टीम फाइनल की सबसे बड़ी दावेदार थी और पाइंट टेबल में टॉप पर थी।
लेकिन यहीं से सब कुछ बदल गया। बीते 6 महीने में टीम इंडिया और खुद Rohit Sharma के लिए हालात खराब होते चले गए। पहले न्यूजीलैंड से शर्मनाक हार और फिर ऑस्ट्रेलिया से सीरीज में लगातार दो टेस्ट मैचों की हार के चलते टीम इंडिया डब्ल्यूटीसी फाइनल की दौड़ से बाहर होने की कगार पर पहुंच गई है। खुद रोहित शर्मा बेहद खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं।
Jatin Sapru and Irfan Pathan back #RohitSharma’s decision to rest, with #ShubmanGill playing the Sydney Test of #BorderGavaskarTrophy 🤔#AUSvINDOnStar 👉 5th Test, Day 1 | LIVE NOW pic.twitter.com/ztqnbZ0pQs
— Star Sports (@StarSportsIndia) January 3, 2025
हालात इस कदर खराब हैं कि रोहित ने सीरीज के आखिरी टेस्ट से खुद को बाहर कर लिया। तो क्या हालिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रोहित के करियर की आखिरी सीरीज बनने जा रही है। Rohit Sharma के संन्यास को लेकर कयास शुरू हो गए हैं। खराब फॉर्म के चलते कुछ फैन्स ट्रोल कर रहे हैं, तो कुछ उनसे सहानुभूति जता रहे हैं।
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गंभीर की एंट्री और सब कुछ बदल गया
दरअसल, यह सारा सिलसिला गौतम गंभीर के बतौर कोच एंट्री करने और श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज हारने के साथ शुरू हुआ है। भारत ने 2024 में एकमात्र वनडे सीरीज श्रीलंका दौरे पर खेली थी। इस सीरीज में टीम इंडिया को 2-0 से हार झेलनी पड़ी थी। यहीं से टीम इंडिया और कप्तान रोहित का खराब दौर शुरू हुआ। इसके बाद हालांकि भारतीय टीम ने अपने घर में बांग्लादेश को टेस्ट सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप किया। इस सीरीज में भी टीम का प्रदर्शन डांवाडोल ही था। भारत ने भले ही सीरीज क्लीन स्वीप की लेकिन कई ऐसे मौके आए, जब लगा कि बांग्लादेश भारी पड़ रहा है।
फिर न्यूजीलैंड टीम के भारत दौरे ने सबकुछ बदल दिया। न्यूजीलैंड, भारत में कभी टेस्ट सीरीज नहीं जीता था। लिहाजा कोच गौतम गंभीर और टीम इंडिया ने उसे हल्के में लिया। नतीजा सामने है। कीवी टीम ने भारत को भारत में ही 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया। इस सीरीज में कप्तान Rohit Sharma ने 6 पारियों में 15.16 के बेहद खराब औसत से सिर्फ 91 रन बनाए थे। यहीं से हिटमैन का सबसे खराब समय शुरू हुआ, जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस समय भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, जहां 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-2 से पिछड़ रही है।
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लगने लगी हैं संन्यास की अटकलें
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का चौथा मैच मेलबर्न में हुआ, जिसमें करारी हार के साथ ही कप्तान रोहित के संन्यास की बातें चलने लगीं हैं। यहां तक दावा किया जा रहा है कि ये सीरीज Rohit Sharma के टेस्ट करियर की आखिरी सीरीज होने वाली है। अब इस सीरीज का आखिरी यानी पांचवां टेस्ट सिडनी में खेला जा रहा है। इसमें रोहित प्लेइंग-11 में नहीं हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर किया गया है। यदि ये सच है तो रोहित भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसे पहले कप्तान बन गए हैं, जिन्हें खराब फॉर्म के चलते सीरीज के दौरान ही टेस्ट की प्लेइंग-11 से बाहर किया गया है।
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हर खिलाड़ी का आता है खराब दौर
रोहित जिस दौर से गुजर रहे हैं, उस दौर से हर खिलाड़ी को गुजरना पड़ता है। विराट कोहली लंबे समय तक फेल होते रहे लेकिन वो टीम का हिस्सा रहे। बाद में शानदार वापसी भी की। ऐसे में फैंस को यही उम्मीद है कि रोहित का ये हालिया खराब दौर जल्दी ही खत्म हो जाएगा और वो शानदार वापसी करेंगे। लेकिन समस्या ये है कि रोहित क्रिकेट के हिसाब से उम्र के उस दौर पर पहुंच चुके हैं, जहां खिलाड़ी के पास वापसी का समय कम रहता है।
Rohit Sharma 37 साल के हो चुके हैं और अब उनके पास ज्यादा समय नहीं है। यही कारण है कि इस बात के कयास लग रहे हैं कि वो संन्यास ले सकते हैं। लेकिन रोहित का जो करियर रहा है और जिस स्तर के वो खिलाड़ी हैं, उसके चलते उनके करियर का फैसला उन्हें खुद ही लेना चाहिए। रोहित शर्मा के भविष्य का फैसला कोई दूसरा नहीं कर सकता।
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Rohit Sharma का टेस्ट करियर (सिडनी टेस्ट से पहले तक)
67 टेस्ट, 116 पारियां, 4301 रन, 212 हाइएस्ट स्कोर, 40.57 औसत, 12 शतक और 18 अर्धशतक
रोहित का वनडे करियर
265 मैच, 257 पारियां, 10866 रन, 264 हाइएस्ट स्कोर, 49.16 औसत, 31 शतक और 57 अर्धशतक
रोहित का टी20 करियर
159 मैच, 151 पारियां, 4231 रन, 121’ हाइएस्ट स्कोर, 32.05 औसत, 5 शतक और 32 अर्धशतक