2008 में IPL शुरू होने से पहले साधा था Chennai Super Kings ने सहवाग से संपर्क
नई दिल्ली। Chennai Super Kings टीम की पहली पसंद कैप्टन कूल धोनी नहीं बल्कि वीरेंद्र सहवाग थे। यह खुलासा किया है टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुब्रह्मणयन बद्रीनाथ ने। उन्होंने कहा कि टीम प्रबंधन अपने मार्किंग प्लेयर अथवा कप्तान के तौर पर वीरेंद्र सहवाग को लेना चाहता था। लेकिन सहवाग ने यह कहते हुए Chennai Super Kings के साथ खेलने से इनकार कर दिया कि वे दिल्ली में पले-बढ़े हैं, इसलिए वे दिल्ली की टीम के साथ ही खेलना चाहते हैं।
Billa Ranga Baasha dhaan… 😎💛#WhistlePodu #Yellove pic.twitter.com/9EzH6ZXWQu
— Chennai Super Kings (@ChennaiIPL) September 11, 2020
एक यू ट्यूब चैनल से बातचीत करते हुए बद्रीनाथ ने कहा कि सहवाग के इनकार करने के बाद सीएसके प्रबंधन ने धोनी को अपने साथ लिया। सहवाग उसके बाद सिर्फ 4 साल ही आईपीएल में खेले, जबकि धोनी अभी भी चेन्नई के कप्तान के तौर पर मैदान में हैं।
टीम इंडिया ने जीता कप और बदले समीकरण
सुब्रह्मणयन ने कहा कि सहवाग के इनकार करने पर Chennai Super Kings प्रबंधन सहवाग के तर्क से सहमत था। इसके बाद आईपीएल के लिए खिलाड़ियों की नीलामी का कार्यक्रम तय हो गया। सीएसके प्रबंधन भी बड़े खिलाड़ी की तलाश में था। इससे पहले भारत 2007 का टी20 विश्व कप धोनी की अगुवाई में जीत चुका था। लिहाजा उन्होंने धोनी को अपने साथ लेने का निर्णय लिया।
- IPL 2020 में नया ट्विस्ट, मैदान पर उतरेगा अमेरिकन-पाकिस्तानी
- IPL से ठीक पहले बढ़ा Rajasthan Royals का संकट
सीएसके ने एक तीर से साधे कई निशाने
सुब्रह्मणयन ने कहा कि धोनी को अपने साथ लेकर Chennai Super Kings ने एक तीर से कई निशाने साधे। पहला तो उन्होंने विश्व के सबसे बेहतरीन कप्तान को अपनी टीम के साथ जोड़ लिया। विश्व क्रिकेट का ऐसा कोई बड़ा खिताब नहीं है, जो धोनी के नाम नहीं है। दूसरा उनसे बेहतरीन फिनिशर दुनिया में कोई नहीं था। तीसरा वो सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर भी थे। इस निर्णय का लाभ भी बाद में सीएसके को मिला।