IPL: जानिए, कब और कैसे मिलेगी लखनऊ के मालिक गोयनका को फ्रेंचाइजी की कीमत

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नई दिल्ली। दुबई में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की दो नई टीमों की बोली के दौरान RPSG ग्रुप ने लखनऊ की टीम के लिए 7090 करोड़ रुपए की बोली लगाकर सभी को चौकाया था। बोली समाप्त होने के बाद संजीव गोयनका से सवाल भी किया गया कि एक आईपीएल टीम के लिए इतनी बड़ी राशि ज्यादा तो नहीं है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है, आने वाले समय में उनकी टीम की कीमत बढ़ेगी और उन्हें काफी फायदा होने वाला है। अब एक अनुमान में कहा गया है कि लखनऊ के मालिक RPSG ग्रुप को IPL टीम की लागत मिलने में 12 साल का समय लगेगा।

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पूरे अध्ययन के बाद लगाई इतनी बड़ी बोली

गणना के अनुसार लखनऊ को 7090 करोड़ रुपए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को देने होंगे और उसे कई जगहों से फायदा मिलेगा। इसके बावजूद मालिक को टीम की लागत मिलने में 12 साल का समय लग सकता है। जानकार सूत्रों के अनुसार गोयनका शुरू से ही IPL में एक टीम खरीदना की इच्छा रखते थे और इसके लिए वो कोई भी कीमत चुकाने को तैयार थे। इसे लेकर महीनों तक गणना की गई थी और कई परिदृश्यों पर चर्चा हुई थी। इसी वजह से लखनऊ के लिए आरपीएसजी ग्रुप ने इतनी बड़ी बोली लगाई।

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इस आधार पर हुई गणना

यह गणना IPL  के सेंट्रल रेवेन्यू पूल और आय के बाकी साधनों के आधार पर की गई है। इसमें स्पॉन्सरशिप, गेट रेवेन्यू,एफबी और लाइसेंसिंग भी शामिल हैं। वहीं खर्चे में फ्रेंचाइजी की फीस, खिलाड़ियों की फीस, मैंनेजमेंट और आईपीएल के दौरान होने वाले खर्चों के अलावा बाजार के खर्चे भी शामिल हैं।

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अहमदाबाद और लखनऊ के मालिकों को यूं मिलेगा फायदा 

RPSG ग्रुप को अगले 10 सालों तक हर साल फ्रेंचाइजी फीस के रूप में 709 करोड़ रुपए BCCI को देनें होंगे। वहीं बीसीसीआई बदले में सेंट्रल रेवेन्यू पूल से इस टीम के मालिकों को उनका हिस्सा देगा। पहले साल का रेवेन्यू 200 करोड़ के करीब होगा, जो 2023-2027 और 2028-2032 के दौरान बढ़ेगा। वहीं लखनऊ टीम को पहले साल में 500 करोड़ रुपए BCCI को देने होंगे, जो आगे चलकर कम होंगे।

पांच साल में लखनऊ फ्रेंचाइजी की कीमत होगी 10 हजार करोड़

गोयनका का कहना है कि फिलहाल वो टीम का मालिकाना हक किसी के साथ नहीं बांटना चाहते हैं। हालांकि जरूरत पड़ने पर हमेशा ही उनके पास यह विकल्प रहेगा। उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में लखनऊ फ्रेंचाइजी की कीमत 10 हजार करोड़ से ज्यादा होगी।

इस आधार पर पैसा देता है BCCI

फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट के अनुसार BCCI मीडिया राइट्स और ग्राउंड स्पॉन्सरशिप से मिलने वाले पैसे का आधा हिस्सा अपने पास रखता है, जबकि बाकी के 50 फीसदी हिस्से में से 45 फीसदी सेंट्रल रेवेन्यू पूल में चला जाता है और पांच फीसदी हिस्सा विजेताओं के बीच वितरित कर दिया जाता है। सेंट्रल रेवेन्यू पूल का पैसा सभी टीमों के बीच बराबर बांट दिया जाता है। मौजूदा समय में सभी फ्रेंचाइजी को लगभग 215 करोड़ रुपए सेंट्रल रेवेन्यू पूल से मिल रहे थे। BCCI को उम्मीद है कि 2023 से 2027 के मीडिया राइट्स 31 हजार करोड़ की कीमत पर बिकेंगे। वहीं आने वाले समय में उनकी कीमत 37 हजार करोड़ के करीब हो सकती है।

इस प्रकार बढ़ेगा फ्रेंचाइजी का लाभ 

अनुमान के अनुसार हर फ्रेंचाइजी को दूसरे साल से सेंट्रल रेवेन्यू पूल के जरिए 288 करोड़ रुपए मिलेंगे और सातवें साल तक यह रकम 330 करोड़ तक पहुंच जाएगी। वहीं स्पॉन्सरशिप के जरिए उन्हें 100 करोड़ और गेट रेवेन्यू के जरिए 25 करोड़ रुपये की कमाई होगी। दोनों नई टीमों का रेवेन्यू पहले साल में 350 से 400 करोड़ के करीब होगा। वहीं आगे चलकर यह 600 से 650 करोड़ के करीब पहुंच जाएगा। सातवें से ग्यारहवें साल के बीच रेवेन्यू 800-850 करोड़ के बीच होगा।

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