लंदन। Jhulan Goswami: भारतीय महिला टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी को उनके फेयरवैल मैच में टीम इंडिया ने जीत के साथ यादगार विदाई दी। भारतीय टीम ने तीसरे वनडे मैच में Jhulan Goswami की अगुवाई में अपने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर इंग्लैंड को 16 रनों से मात देकर सीरीज पर 3-0 से कब्जा जमा लिया। इसके साथ ही भारतीय महिला टीम ने 23 साल बाद इंग्लैंड को उसी के घर में हराने का कारनामा अंजाम दिया।
🚨 Milestone Unlocked 🚨
The legendary @JhulanG10 becomes the first cricketer to bowl 1⃣0⃣0⃣0⃣0⃣-plus deliveries in women’s ODIs. 🔝 👏
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भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए महज 169 रनों के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी और इंग्लैंड की हार तय लग रही थी। लेकिन झूलन गोस्वामी की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने चमत्कारिक प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड की टीम को महज 153 रनों पर ही समेट दिया। अपने आखिरी मैच में Jhulan Goswami ने भी शानदार गेंदबाजी की और 10 ओवर में सिर्फ 30 रन देकर 2 विकेट झटके। रेणुका सिंह भारत की सबसे सफल गेंदबाज रहीं, जिन्होंने 4 इंग्लिश बल्लेबाजों को पवेलियन वापस भेजा। इंग्लैंड के लिए चार्ली डीन सबसे सफल बल्लेबाज रहीं, जिन्होंने टीम के लिए 47 रनों का योगदान दिया।
Innings Break! #TeamIndia are all out for 169 in the third #ENGvIND ODI.
Over to our bowlers to defend the total.
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भारत ने बनाए 169 रन, दीप्ती-स्मृति के अर्धशतक
इससे पहले INDW vs AUSW सीरीज के आखिरी मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। भारत की शुरूआत बेहद खराब रही। 29 रनों तक ही टीम 4 विकेट खो चुकी थी। शेफाली वर्मा और यशस्तिका भाटिया खाता भी नहीं खोल पाईं। जबकि कप्तान हरमनप्रीत कौर 4 और हरलीन देओल महज 3 रन बनाकर आउट हुईं। एक छोर पर स्मृति मंधाना ने मोर्चा संभाले रखा। मंधाना ने एक और अर्धशतक अपने नाम किया। 50 रन बनाकर स्मृति भी पवेलियन लौट गईं। ऐसा लग रहा था कि भारत 100 रनों का आंकड़ा भी नहीं छू सकेगा लेकिन दीप्ती शर्मा ने 68 और पूजा वस्त्रकार ने 22 रनों की पारी खेलकर भारत के स्कोर को आगे बढ़ाया। भारतीय महिला टीम पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाई और 45.2 ओवर में 169 रनों पर ऑलआउट हो गई।
A moment to savour! 👏 👏
When the legendary @JhulanG10 joined #TeamIndia Captain @ImHarmanpreet for the toss ahead of the third #ENGvIND ODI. 👍 👍
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इंग्लैंड की खिलाड़ियों और अंपायर्स ने दिया झूलन को गार्ड ऑफ ऑनर
झूलन गोस्वामी शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ INDW vs AUSW सीरीज के तीसरे वनडे मैच में अंतरराष्ट्रीय करियर में आखिरी बार बल्लेबाजी के लिए लॉर्ड्स के मैदान पर उतरीं। जब वह मैदान पर बल्लेबाजी के लिए आईं तो इंग्लैंड के खिलाड़ियों और अंपायर ने झूलन को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान इंग्लिश प्लेयर्स और अंपायरों ने Jhulan Goswami के लिए तालियां बजाईं। यह देखकर झूलन भावुक भी हो गईं। लॉर्ड्स में अपना अंतिम वनडे मैच खेल रहीं झूलन भारत की ओर से नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरीं। हालांकि, वह कुछ खास नहीं कर सकीं और अपने आखिरी मैच में गोल्डन डक का शिकार हुईं।
For over 20 years Jhulan Goswami has run in, hit a length and blazed a trail.
She has bowled nearly 10,000 balls in ODI cricket, and she may just have inspired as many young girls to try cricket.
Thanks @JhulanG10, you’re an inspiration. pic.twitter.com/EMeCtAA5Wa
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झूलन का पहला और आखिरी मैच इंग्लैंड के खिलाफ़
Jhulan Goswami ने छह जनवरी 2002 को इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला और विदाई भी इंग्लैंड (INDW vs ENGW) के खिलाफ खेलकर ही ली। झूलन ने जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा समय टीम की मौजूदा खिलाड़ी शेफाली वर्मा और ऋचा घोष तो पैदा भी नहीं हुई थीं। जेमिमा रॉड्रिग्ज शायद गोदी में रही होंगी। हरमनप्रीत पंजाब के मोगा में उस समय क्रिकेटर बनने के सपने देख रही थीं। अब झूलन संन्यास ले रही हैं तो हरमन उनकी कप्तान हैं। शेफाली, जेमिमा, यस्तिका भाटिया, ऋचा साथी खिलाड़ी हैं।
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छोटे शहर से क्रिकेट के मक्का तक पहुंची झूलन
सुदूर पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर चकदाह से लेकर ‘आईसीसी वुमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ का ख़िताब जीतने और 20 साल तक भारतीय तेज आक्रमण को संभालने के बाद जब आज Jhulan Goswami लार्ड्स में आखिरी बार गेंदबाजी करने उतरेंगी तो उनके जेहन में बहुत सी खट्टी मिठी यादें होंगी।
साथ ही वह अपने 353 अंतरराष्ट्रीय विकेटों में कुछ और अंक भी जोडऩा चाहेंगी। जिससे लॉर्ड्स में उनका आखिरी मैच कभी न भूलने वाला मैच हो जाए। भारत के लिए पदार्पण करने के बाद भी जब वह चकदह स्टेशन से घर वापस जातीं तो एक खुले वैन रिक्शा में बैठी नजर आतीं। वहीं झूलन ने द्वितीय श्रेणी के डिब्बों में यात्रा करने के संघर्षों, एक कमरे में रहने और कॉमन शौचालयों वाले युवा छात्रावासों से लेकर बिजनेस क्लास यात्रा तक का सफर तय किया है।
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दूसरा सबसे लंबा करियर
अनुभवी झूलन ने 203 वनडे खेले हैं। वह Mitali Raj (232) के बाद दूसरे नंबर पर हैं। रोचक तो यह है कि मौजूदा सीरीज में जो दो वनडे Jhulan Goswami ने खेले हैं, केवल उनमें मिताली संन्यास लेने के कारण नहीं थी, वर्ना 201 वनडे दोनों ने एक ही अंतिम एकादश में खेले हैं। अगर समय की बात करें तो उनका करियर (20 साल, 261 दिन) दूसरा सबसे लंबा करियर होगा। उन्होंने छह जनवरी 2002 को पदार्पण किया और अब आज खेल को बाय-बाय कहेंगी। वह ऐसी 11 खिलाडिय़ों में शामिल रही हैं जिन्होंने वनडे में एक हजार या ज्यादा रन बनाए और 100 से ज्यादा विकेट लिए। वह उन तीन खिलाडिय़ों में भी शामिल हैं जिन्होंने एक हजार रन और सौ विकेट के अलावा 50 कैच भी लिए।