लंदन। IND vs ENG: इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में करीबी मैच हारने वाली भारतीय टीम का आगे का रास्ता बड़ा मुश्किल नजर आ रहा है। भारत और इंग्लैंड के बीच अब 23 जुलाई से चौथा टेस्ट मैच खेला जाएगा। यह मैच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड ग्राउंड पर होगा, जो भारत के लिए किसी कब्रगाह से कम नहीं है। भारतीय टीम इस मैदान पर 90 साल में 9 टेस्ट मैच खेल चुकी हैं लेकिन जीत एक में भी नहीं मिली है। भारतीय टीम ने मैनचेस्टर में पहला टेस्ट 1936 में खेला था. 25 से 28 जुलाई के बीच खेला गया यह मुकाबला बराबरी पर छूटा था। इसके बाद 1946 में भी भारत ने मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ कराया। लेकिन 1952 में रिजल्ट भारत के खिलाफ गया।
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कई कप्तान आए और गए, लेकिन नहीं मिली जीत
आजादी के बाद पहली बार इंग्लैंड गई टीम इंडिया को मैनचेस्टर में पारी और 207 रन से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 1959 में भारत यहां 171 रन से हारा। भारत ने यहां आखिरी टेस्ट 2014 में एमएस धोनी की कप्तानी में खेला था। तब भारत यहां पारी और 54 रन से हारा था। कोई शक नहीं कि इतिहास इंग्लैंड के पक्ष में है लेकिन भारतीय टीम भी इसे बदलते हुए चल रही है। IND vs ENG सीरीज का दूसरा टेस्ट बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेला गया था और यहां का रिकॉर्ड भी डरावना था। भारत इस दौरे से पहले एजबेस्टन में एक भी टेस्ट नहीं जीता था लेकिन इस बार उसने इंग्लैंड को 336 रन से हराया।
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शुभमन गिल को दिखाना होगा एजबेस्टन वाला हौंसला
भारतीय कप्तान शुभमन गिल को एजबेस्टन वाल हौसला ही ओल्ड ट्रैफर्ड में दिखाना होगा। फिलहाल इंग्लैंड की टीम पहला और तीसरा टेस्ट जीतकर सीरीज में 2-1 से आगे है। लेकिन यह भी एक आंकड़ा भर है। जैसे कि लॉर्ड्स में जिस अंदाज में IND vs ENG कड़ा मुकाबला हुआ, वह बताता है कि दोनों टीमें लगभग बराबरी पर हैं। लॉर्ड्स में वह टीम जीती, जिसने कम गलतियां कीं। शुभमन गिल को मैनचेस्टर में बस यही खयाल रखना होगा कि टीम गलतियां कम करे। कैच कम छोड़ें और एक्स्ट्रा रन कम लुटाएं। अगर भारतीय टीम गलतियां कम करती हैं तो मैनचेस्टर का इतिहास बदल सकती है।