Cricket : आर्थिक तंगी से जूझ रहा जिम्बाब्वे क्रिकेट

0
738
Advertisement

नई दिल्ली। इन दिनों जिम्बाब्वे टीम आर्थिक संकट और गुटबाजी से जूझ रही है। जिसके कारण खिलाड़ियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है। जिम्बाब्वे के एक बल्लेबाज ने फटे जूते की तस्वीर को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नेशनल टीम को स्पॉन्सर करने की अपील की। जिसके बाद जूता बनाने वाली कंपनी ने आगे आकर उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं।

Asian Boxing Championships आज से, भारत के सात पदक पक्के

इस कंपनी ने बढ़ाए मदद के हाथ 

गौरतलब है कि जिम्बाब्वे के बल्लेबाज रेयान बर्ल ने देश के क्रिकेटरों की खस्ता हालत की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए फटे हुए जूतों की तस्वीर पोस्ट की और लिखा कि हमें हर सीरीज के बाद जूते को गोंद से चिपकाना पड़ता है। हमारी राष्ट्रीय टीम को स्पॉन्सर की जरूरत है, ताकि हमें हर सीरीज के बाद जूते को चिपकाने की जरूरत न पड़े। उनकी इस अपील का असर हुआ और जूते बनाने वाली कंपनी उनकी सहायता के लिए तैयार हो गई। कंपनी ने बर्ल की पोस्ट पर जवाब दिया है कि अब आप गोंद को अलग रख दें।

Cricket : CORONA से ठीक होने बाद भी ट्रेनिंग नहीं कर पा रहा यह गेंदबाज

1983 में जिंबाब्वे को मिला इंटरनेशनल टीम का दर्जा

जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड को 1983 वर्ल्डकप से पहले इंटरनेशनल टीम का दर्जा मिला था। वहीं 1992 में टेस्ट का दर्जा मिला। लेकिन टीम को इंटरनेशनल स्तर पर जूझना पड़ रहा है। कभी इस देश ने क्रिकेट को कई दिग्गज खिलाड़ी दिए हैं। जिनका नाम आज भी मशहूर में है। प्लावर बंधुओं एंडी और ग्रांट, एलिस्टेयर कैंपबेल, डेव हॉटन, हीथ स्ट्रीक और नील जॉनसन जैसे खिलाड़ी इस देश के हैं। इन खिलाड़ियों ने जिंबाब्वे का प्रतिनिधित्व करते हुए काफी सफलता हासिल की।

FIFA अध्यक्ष ने दिए संकेत, इंटरनेशनल टूर्नामेंटों के कार्यक्रम में होगा बदलाव !!

बर्ल ने खेले 18 वनडे मैच 
रेयान बर्ल ने जिम्बाब्वे के लिए 18 वनडे मैंचों में 20.25 की औसत से रन बनाए हैं और 5.91 की इकोनॉमी रेट से 7 विकेट भी लिए हैं। वहीं अब तक खेले 25 टी-20 मैच में 7.74 की इकोनॉमी रेट से 15 चटकाए हैं और 24.26 की औसत से रन बनाए हैं। वे देश के लिए तीन टेस्ट मैच भी खेल चुके हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here